उत्तराखंडः बाढ़ के खतरे के बीच नदियों में JCB से खुदाई का विरोध, लोगों ने कहा- पहले सुरक्षा दीवार बने
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पार्षद अमित नेगी का कहना है कि साल 2017 में आई आपदा में उनके इलाके में बाढ़ जैसे हालात हो गए थे.
Kotdwar News: कोटद्वार में बाढ़ के खतरे के बीच तेलीश्रोत और सुखरौ नदी में चैनेलाइजेशन का काम शुरू होने का लोगों ने किया विरोध. एसडीएम से मिलकर नदी में सुरक्षा दीवाल बनाने की रखी मांग.
कोटद्वार. उत्तराखंड के कोटद्वार में तेलीश्रोत और सुखरौ नदी में चैनेलाइजेशन शुरू होने से पहले लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. बाढ़ के खतरे से डरे लोगों ने प्रशासन से सुरक्षा की दीवारें बनाने की मांग की है. लोगों का आरोप है कि नदियों में चैनेलाइजेशन के दौरान जेसीबी मशीनों से खुदाई होने से नदी किनारे बनी सुरक्षा दीवारें ढह चुकी हैं. लोगों की मांग है कि इस साल चैनेलाइजेशन शुरू होने से पहले सुरक्षा दीवारों की मरम्मत की जाए. वार्ड नंबर 38 के पार्षद अमित नेगी ने इस मामले में एसडीएम कोटद्वार योगेश मेहरा से मुलाकात की और लोगों की समस्याओं को उनके सामने रखा.
पार्षद अमित नेगी का कहना है कि साल 2017 में आई आपदा में उनके इलाके में बाढ़ जैसे हालात हो गए थे. जबकि किसानों की कई एकड़ भूमि बाढ़ में ढह गई थी. पार्षद का आरोप है कि प्रशासन की ओर से नदी, नालों में सफाई के नाम पर खनन कराया जाता है जिसमें कई सुरक्षा दीवारें टूट जाती है. उन्होंने कहा कि पिछले सालों में टूटी सुरक्षा दीवारों की अभी तक मरम्मत नहीं की गई है, जबकि अब दोबारा से चैनेलाइजेशन का काम शुरू किया जा रहा है. पार्षद अमित नेगी का कहना है कि पहले दीवारों की मरम्मत की जानी चाहिए उसके बाद ही चैनेलाइजेशन का काम शुरू होना चाहिए.
उसकी भरपाई उक्त पट्टाधारक द्वारा की जाएगा
वहीं, प्रशासन का कहना है कि चेनेलाइजेशन के दौरान कोई भी सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त होती है तो इसकी मरम्मत का काम तत्काल कराया जाएगा. एसडीएम कोटद्वार योगेश मेहरा का कहना है कि उनके द्वारा इलाके का सर्वे किया जा चुका है और जिन इलाकों में सुरक्षा दीवारें ढह चुकी है वहाँ पर दोबारा से सुरक्षा दीवारें बनाने के प्रस्ताव तैयार किए जा चुके हैं. इसके साथ ही अगर चेनेलाइजेशन के दौरान दीवार टूटती है तो उसकी भरपाई उक्त पट्टाधारक द्वारा की जाएगा.
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