उत्तराखंड: चार धाम यात्रा से जुड़े कारोबारियों ने मदद की लगाई गुहार
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2013 में केदारनाथ त्रासदी के बाद चार धाम यात्रा को सबसे ज्यादा धक्का लगा था.
उत्तराखंड (Uttarakhand) में स्थित चार धामों में से यमुनोत्री के कपाट 14 मई को खुल रहे हैं जबकि 15 मई को गंगोत्री, 17 मई को केदारनाथ और 18 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे.
अनुपम त्रिवेदी देहरादून. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Chief Minister Tirath Singh Rawat) द्वारा चार धाम यात्रा को फिलहाल सस्पेंड किए जाने के बाद कारोबारियों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. हालांकि, कोविड के बढ़ते मामलों के बावजूद राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) को खोलने के पक्ष में रहे लेकिन मुख्यमंत्री ने कोविड (Covid) से उपजे हालात को देखते हुए यात्रा को टाल दिया है. सरकार का कहना है अगर सब कुछ ठीक रहा तो आगे फैसले पर पुनर्विचार भी हो सकता है. कारोबारियों की क्या है मांग उत्तराखंड में स्थित चार धामों में से यमुनोत्री के कपाट 14 मई को खुल रहे हैं जबकि 15 मई को गंगोत्री, 17 मई को केदारनाथ और 18 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे. गढ़वाल मंडल में सैकड़ों छोटे-बड़े होटल कारोबारी और दुकानदार हर साल 6 महीने होने वाली यात्रा पर निर्भर रहते हैं. चार धाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता कहते हैं कि 1 अप्रैल के बाद से उनके होटल में करीबन 70% प्रतिशत बुकिंग कैंसिल हो गई. बद्रीनाथ में दक्षिण भारत के राज्यों के अलावा गुजरात और महाराष्ट्र से यात्री आते हैं. लेकिन अब जब यात्रा ही नहीं हो रही है तो कारोबारियों का कहना है कि सरकार उन्हें कुछ मदद करे. राजेश मेहता का कहना है कि सरकार पानी और बिजली के बिलों में फिलहाल छूट दे सकती है. साथ ही उनका यह भी कहना है कि कई लोगों ने बैंकों से लोन ले रखे हैं. सरकार बैंकों से बात करके अगले कुछ महीनों के लिए किश्तों में राहत दिलवा सकती है.हेलीकॉप्टर बुकिंग का पैसा होगा वापस इधर केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर की बुकिंग करने वाले गढ़वाल मंडल विकास निगम के एमडी आशीष श्रीवास्तव का कहना है उनके पास करीबन 11 हज़ार बुकिंग हो चुकी है. अब यात्रा सस्पेंड होने के बाद जीएमवीएन ने यात्रियों का ऑप्शन दिया है या तो अपना पैसा वापस ले लें या भविष्य में अमाउंट को एडजस्ट करा सकते हैं. चार धाम यात्रा का सफर
2013 में केदारनाथ त्रासदी के बाद चार धाम यात्रा को सबसे ज्यादा धक्का लगा था. पिछले साल कोविड की वजह से यात्रा पर फर्क पड़ा और इस साल एक बार फिर से यात्रा कोविड से प्रभावित है. इससे पहले 2019 में करीब 32 लाख यात्रियों ने चारों धाम की यात्रा की थी.
2013 में केदारनाथ त्रासदी के बाद चार धाम यात्रा को सबसे ज्यादा धक्का लगा था. पिछले साल कोविड की वजह से यात्रा पर फर्क पड़ा और इस साल एक बार फिर से यात्रा कोविड से प्रभावित है. इससे पहले 2019 में करीब 32 लाख यात्रियों ने चारों धाम की यात्रा की थी.
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