उत्तराखंड: मंत्री-विधायक कर रहे थाने-चौकियों में पोस्टिंग, बीजेपी MLA का पत्र चर्चा में
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यह पहला मौका नहीं है जब सरकार के मंत्री विधायक का हस्तक्षेप पुलिस के ट्रांसफर पर न रहता हो.
Dehradun News: उधम सिंह नगर में बीजेपी विधायक द्वारा लिखित स्थानांतरण मामला भी चर्चाओं में हैं, जिसका संज्ञान पुलिस मुख्यालय द्वारा लिया गया है. मुख्यालय प्रवक्ता डीआईजी निलेश भरने का कहना है कि उधम सिंह नगर में हुए सभी ट्रांसफर को निरस्त कर दिया गया है.
देहरादून. इन दिनों राज्य में सत्तापक्ष के विधायकों और नेताओं की मार पुलिस डिपार्टमेंट पर देखने को मिल रही है. एक तरफ रूटीन में होने वाले ट्रांसफर को रोका जाता है, दूसरी तरफ उत्तराखंड के चौकी थाने भी अब विधायक मंत्री बांटने में लगे हैं. आपको बता दें राज्य के दो बड़े जिले उधम सिंह नगर और देहरादून जिलों में विधायक मंत्रियों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस जवनो के ट्रांसफर हो रहे हैं. मसूरी में विधायक को मास्क पहनने को लेकर चालान करने वाले पुलिस दरोगा को जिले के दूरस्थ इलाके में भेज दिया तो वहीं खनन माफियाओं पर कारवाई करने वाले चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर तक होना पड़ा. साथ ही उधम सिंह नगर में बीजेपी विधायक द्वारा लिखित स्थानांतरण मामला भी चर्चाओं में हैं, जिसका संज्ञान पुलिस मुख्यालय द्वारा लिया गया है. मुख्यालय प्रवक्ता डीआईजी निलेश भरने का कहना है कि उधम सिंह नगर में हुए सभी ट्रांसफर को निरस्त कर दिया गया है जिस पर आईजी कुमाऊं को जांच के भी आदेश दिये गये हैं. जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी और अन्य जिलों में भी जानकारी जुटाई जा रही है.
दरअसल, मार्च महीने में पुलिस विभाग में इंसपेक्टरों और सब इंसपेक्टरों के तबादलों में नेताओं की दखलंदाजी के चलते फिलहाल रोक लगा दी गई थी. वहीं दूसरी तरफ जिन पुलिस जवानों को उनके काम के चलते इनाम मिलना चाहिए था, उन पुलिसकर्मियों को इनाम न मिलकर सज़ा दी जा रही है. इस दखलंदाजी पर अब कांग्रेस भी सवाल उठाने लगी है. कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी का कहना है कि राज्य में पुलिस विभाग पर सत्ता पक्ष के नेताओं के नेताओं की पूरी दखलंदाजी रहती है जो अधिकारी न्यायपूर्ण और नियम के अनुसार काम करते हैं, उनको ये थाने-चौकियों से हटा देते हैं और ओर अपने चहेतों को बैठा देते हैं.
यह पहला मौका नहीं है जब सरकार के मंत्री विधायक का हस्तक्षेप पुलिस के ट्रांसफर पर न रहता हो. इससे पहले भी कई बार ऐसे प्रकरण सामने आए हैं. अब ऐसी कार्रवाई से सही काम करने वाले जवानों का मनोबल भी टूट रहा है.
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