उत्तराखंड में 27 अप्रैल से चार मई के बीच एक हफ्ते में 41 हजार कोविड पॉजीटिव मिले, 46 फीसदी यंगस्टर्स
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उत्तराखंड में एक हफ्ते में कोरोना 41 हजार कोरोना मरीज मिले हैं.
उत्तराखंड (Uttarakhand) में 27 अप्रैल से 4 मई के बीच मतबल एक हफ्ते में 41 हजार कोविड मरीज (Covid patient) मिले हैं. इन कोरोना संक्रमितों में सबसे ज्यादा यंगस्टर्स हैं.
देहरादून. उत्तराखंड (Uttarakhand) में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. यहां 27 अप्रैल से चार मई के बीच मतबल एक हफ्ते में 41 हजार कोविड मरीज (Covid patient) मिले हैं. इन कोरोना संक्रमितों में सबसे ज्यादा यंगस्टर्स हैं. अक्सर युवा यह सोचते हैं कि वो अभी फिट हैं और उनका इम्यूनिटी सिस्टम स्ट्रांग है. तो यह गलत है. कोविड की सेकेंड वेब में सबसे अधिक अगर कोई चपेट में है, तो वो यंगस्टर्स हैं. कोविड की सेकेंड वेब कहर ढा रही है. इसमें भी सबसे अधिक कोरोना का अगर कोई निशाना बन रहा है, तो वो यंगस्टर्स हैं. उत्तराखंड हेल्थ डिपार्टमेंट के आंकडे़ बताते हैं कि 20 से 39 साल के युवा सबसे अधिक कोविड की चपेट में हैं. उत्तराखंड में 27 अप्रैल से चार मई के बीच एक हप्ते में 41 हजार कोविड पॉजीटिव केस आए हैं. जब इनका विश्लेषण किया गया तो पता लगा कि पॉजीटिव आए 19 हजार से अधिक लोग 20 से 39 साल के ऐज ग्रुप के हैं. यानी की कुल केसों का 46 फीसदी यंगस्टर्स हैं. एचओडी मेडिसिन, दून मेडिकल कॉलेज डॉ. नारायण जीत का कहना है कि कोविड को लेकर यंगस्टर्स की बेफिक्री इसका सबसे बड़ा कारण है. कोरोना के 7783 रिकॉर्ड केस के बाद उत्तराखंड के 3 जिलों में 4 दिन का कंप्लीट लॉकडाउनयंगस्टर्स की ये बेफिक्री परिवार पर भी भारी पड़ रही है. डॉक्टर्स का कहना है कि यंगस्टर्स के चपेट में आने के कारण बड़ी संख्या में घर के अदर मेंबर्स भी कोविड की जद में आ रहे हैं. उत्तराखंड में कोविड पॉजीटिव केसों का आंकड़ा दो लाख के पार पहुंच चुका है. मात्र दो महीने में ही मौतों का आंकड़ा पिछले साल हुई कुल मौतों के बराबर पहुंच चुका है. कोविड से करीब तीन हजार से अधिक मौतें उत्तराखंड में हो चुकी हैं. नए केसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में कोरोना को लेकर थोड़ी सी ब्रेफिक्री न सिर्फ हमारे लिए बल्कि हमारे अपनों के लिए भी भारी पड़ सकती है.
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