उत्तराखंड बर्फबारी की यह तस्वीरें दिल्लीवालों को गर्मी से देगी कुछ राहत, देखें Video
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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार देर शाम अचानक मौसम का मिजाज बदला तेज हवाओं के साथ हल्की बूंदाबांदी और रात को जबरदस्त बारिश हुई
Uttarakhand News: सीजन हुई बारिश बर्फबारी से किसानों की फसलों के लिए लाभदायक माना जा रहा है. लंबे कई समय से किसानों को बारिश का इंतजार था.
आपको बता दें कि गंगोत्री धाम मंदिर परिसर अप्रैल के महीने भी बर्फ की सफेद चादर से ढक गया है. यह तस्वीरें बुधवार सुबह गंगोत्री धाम की है, जहां लगभग आधा फीट बर्फ जम चुकी है. सीजन हुई बारिश बर्फबारी से किसानों की फसलों के लिए लाभदायक माना जा रहा है. लंबे कई समय से किसानों को बारिश का इंतजार था.
सीजन हुई बारिश और बर्फबारी से जनपद के किसानों को काफी फायदा मिलेगा. वहीं दूसरी तरफ उत्तरकाशी सहित प्रदेश के जंगलों में लगी आग बुझाने में यह बारिश काफी हद तक कारगर साबित हुई है. उत्तरकाशी के जंगलों में अधिकतर स्थानों पर बारिश से आग बुझ गई है, जिस कारण वन विभाग और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है. अब गंगोत्री धाम और गंगोत्री नेशनल पार्क जाने वाले सैलानियों को पहाड़ियों पर बर्फ से ढके खूबसूरत के पहाड़ों के दीदार भी कुछ दिनों तक हो सकेंगे.पिछले 121 साल में इस बार तीसरा सबसे गर्म मार्च रहा : मौसम विभाग
महीने के लिए अपनी समीक्षा में मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा कि 1981-2010 की पर्यावरण अवधि में सामान्य 31.24 डिग्री, 18.87 डिग्री और 25.06 डिग्री की तुलना में पूरे देश के लिए मासिक अधिकतम, न्यूनतम और मध्यवर्ती तापमान क्रमश: 32.65 डिग्री सेल्सियस, 19.95 डिग्री सेल्सियस और 26.30 डिग्री सेल्सियस रहा. मौसम विभाग ने कहा कि 32.65 डिग्री के साथ मार्च 2021 के दौरान अखिल भारतीय औसत मासिक अधिकतम तापमान पिछले 11 साल में सबसे गर्म रहा और पिछले 121 वर्षों में तीसरा सबसे गर्म मार्च रहा. इससे पहले 2010 और 2004 में यह तापमान क्रमश: 33.09 डिग्री और 32.82 डिग्री सेल्सियस रहा था.
मौसम विभाग ने अपनी पूर्व की रिपोर्ट में कहा था कि जनवरी और फरवरी भी मध्यवर्ती और न्यूनतम तापमान के हिसाब से 121 साल में तीसरे और दूसरे गर्म महीने रहे थे. मार्च में देश के कई हिस्से में 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने कहा है कि 29-31 मार्च के दौरान कई जगहों पर लू चल रही थी जबकि पश्चिम राजस्थान के छिटपुट स्थानों पर ‘भीषण लू’ की स्थिति की थी. विभाग के मुताबिक 30-31 मार्च के दौरान पूर्वी राजस्थान तथा 31 मार्च को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी क्षेत्रों, तटीय आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु के कुछ स्थानों से भी लू चलने की सूचना मिली.
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