कांवड़ यात्रा पर चौतरफा पसोपेश : योगी की गुजारिश, महंतों की नाराजगी, उत्तराखंड का ‘गंगाजल प्लान’
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योगी ने कहा, ‘सीमित लोगों को दें एंट्री’
बीते मंगलवार को सीएम धामी ने कांवड़ यात्रा न आयोजित करने संबंधी फैसला लिया था. जबकि उत्तर प्रदेश इस यात्रा को कोविड प्रोटोकॉल के साथ मंज़ूरी दे चुका है. सूत्रों के हवाले से खबरों में कहा जा रहा है कि सीएम योगी ने एक बार फिर धामी को फोन किया और अनुरोध किया कि सीमित संख्या में ही सही, कांवड़ियों के हरिद्वार पहुंच पाने की कुछ तो सूरत निकाली जाए. यहां गौरतलब बात यह है कि दोनों ही राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
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उत्तराखंड का गंगाजल डाक प्लान
धामी अब योगी की गुज़ारिश पर क्या कदम उठाएंगे, यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन इस पूरी कवायद के बीच हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट सी रविशंकर ने एक बड़ा ऐलान किया है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रविशंकर ने कहा, ‘हम डाक से श्रद्धालुओं तक गंगाजल पहुंचाने का इंतज़ाम कर रहे हैं. यही नहीं, पड़ोसी राज्यों के प्रशासन के साथ बातचीत कर रहे हैं और ज़्यादा भीड़ से बचने के विकल्प के तौर पर टैंकरों से भी गंगाजल की सप्लाई करने की योजना बन रही है.’
We’ve started process of sending Gangajal via post to devotees. We’re also planning to supply Gangajal in tankers & are in talks with administration of neighbouring states to avoid large number of gathering here: Haridwar Dist Magistrate C Ravishankar, Uttarakhand (14.07)#COVID pic.twitter.com/ScLq2Tm9tB
— ANI (@ANI) July 14, 2021
कांवड़ यात्रा पर चौतरफा पक्ष ये भी हैं
1. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है. 16 जुलाई को अगली सुनवाई होगी, तब तक उप्र को बताना है कि कोविड के संकट के बीच इस यात्रा का फैसला क्यों लिया गया है.
2. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने उत्तराखंड के सीएम को चिट्ठी लिखकर अनुरोध किया था कि कांवड़ यात्रा को मंज़ूरी न दी जाए ताकि राज्य और देश को कोविड के कहर से सुरक्षित रखा जा सके.
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3. इधर, अयोध्या स्थित हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास के हवाले से खबरों में कहा गया कि उत्तराखंड को यात्रा करवानी चाहिए. दास का कहना है कि पर्यटन स्थलों पर जब भीड़ जुट ही रही है, तो कोविड प्रोटोकॉल के साथ यात्रा क्यों नहीं हो सकती?
और हंगामा यूं भी है बरपा…
उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जब दोनों ही भाजपा सरकारों वाले राज्य हैं, तो एक ही मुद्दे पर अलग फैसले क्यों लिये गए? इस सवाल पर यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, ‘राज्यों की नीतियां अलग हो सकती हैं. यूपी में जनसंख्या भले ही ज़्यादा है, लेकिन यहां रोज नए केसों की संख्या 90 से भी कम है और वैक्सीनेशन तो जारी है ही. सभी राज्य अपने फैसले करने के लिए आज़ाद हैं और यूपी अपने फैसले खुद ले सकता है.’ सिंह ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में उपयुक्त जवाब दाखिल किया जाएगा.
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