चमोली में बर्फबारी के चलते ग्लेशियर टूटा, ऋषिगंगा नदी में जलस्तर बढ़ने की आशंका, अलर्ट जारी
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उत्तराखंड के चमोली जिले में पहले भी ग्लेशियर के टूटने से भारी तबाही मची थी. (फाइल फोटो)
भारत-चीन बॉर्डर के पास हुई घटना, CM तीरथ सिंह रावत ने जारी किया अलर्ट, NTPC व अन्य परियोजनाओं को काम रोकने के दिए गए आदेश.
वहीं सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि नीती घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली है. इस संबंध में मैंने एलर्ट जारी कर दिया है. मैं निरंतर जिला प्रशासन और बीआरओ के सम्पर्क में हूं. जिला प्रशासन को मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दे दिए हैं. एनटीपीसी एवं अन्य परियोजनाओं में रात के समय काम रोकने के आदेश दे दिए हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो.
A glacier has burst near Uttarakhand’s Joshimath on India-China border: Colonel Manish Kapil, Commander, Border Road Task Force
— ANI (@ANI) April 23, 2021
वहीं चमोली पुलिस के अनुसार ग्लेशियर टूटने की सूचना सोशल मीडिया पर वायारल हो रही है. पुलिस इसकी जानकारी जुटा रही है. हालांकि खराब मोसम के चलते फोन से संपर्क नहीं हो सका है. टीमों को स्थिति का जायजा लेने के लिए रवाना कर दिया गया है. ऐसे में संयम बर्तें और अफवाह फैलाने से बचें.खराब होता जा रहा मौसम
वहीं पौड़ी और श्रीनगर गढ़वाल सहित ग्रामीण क्षेत्रों में ओलावृष्टि के साथ जमकर बारिश हुई है. तीन दिनों से लगातार जारी बारिश के चलते तापमान में गिरावट आ गई है. जनपद में पिछले 24 घंटों में थलीसैंण, पौड़ी और श्रीनगर क्षेत्र में सर्वाधिक बारिश रिकार्ड की गई है जबकि बारिश का दौर लगातार जारी है.
पिथौरागढ़ में बीते दो दिनों से मौसम का मिजाज पूरी तरह बदला है. लम्बे समय बाद जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में अप्रैल के महीने बर्फबारी हुई है. मुनस्यारी और उसके आस-पास हुई बर्फबारी के बाद तापमान में भारी गिरावट दर्ज की हुई है. मुनस्यारी के साथ ही राजरंभा, पंचाचूली, खलियाटॉप और कालामुनी के करीब जमकर बर्फ गिरी है. वहीं निचले इलाकों में बीते दिनों से बारिश जारी है.
गौरतलब है कि सात फरवरी को सुबह चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में ग्लेशियर के टूटने से बाढ़ आ गई थी. इस प्राकृति आपदा में कई लोगों की मौत हो गई थी. राहत और बचाव कार्य कई दिनों तक चलाया गया था. बाढ़ के कारण 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत प्रोजेक्ट पूरी तरह बर्बाद हो गया जबकि तपोवन विष्णुगाड को भारी क्षति पहुंची थी.
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