चारधाम यात्रा : HC ने कहा, ‘फिर सोचिए’, सरकार ने कहा, ‘तीन जिलों के लिए जारी करेंगे गाइडलाइन’
[ad_1]
राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने शनिवार को कहा कि जल्द ही चार धाम यात्रा के बारे में तीन ज़िलों के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी. एएनआई के मुताबिक उनियाल ने कहा कि सरकार सुनिश्चित करेगी कि प्रोटोकॉल का पालन हो. इससे एक दिन पहले उनियाल ने बताया था कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तराकाशी ज़िलों के स्थानीय लोगों के लिए 1 जुलाई से खोला जाएगा. कोविड संबंधी निगेटिव रिपोर्ट उन सभी भक्तों के लिए अनिवार्य होगी, जो तीर्थस्थलों के मंदिरों में प्रवेश करना चाहेंगे. उनियाल ने यह भी कहा कि एक पूरी गाइडलाइन का पालन इस दौरान करना होगा. साथ ही, एक वरिष्ठ अधिकारी हर धाम मंदिर और ज़िला प्रशासन के बीच समन्वय के लिए पदस्थ रहेगा. इसके पहले हाई कोर्ट ने इस यात्रा को शुरू करने के बारे में चिंता ज़ाहिर की.
ये भी पढ़ें : उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कहा, ‘रोडवेजकर्मियों से बेगारी करा रही सरकार, संवैधानिक जिम्मेदारी में नाकाम’
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने चार धाम यात्रा संबंधी फैसले पर सरकार को पुनर्विचार करने को कहा.
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
“जबकि हमें ये पता चल चुका है कि भीड़ जमा होने से कोविड-19 महामारी तेज़ी से फैलती है इसलिए यह अदालत अपने इस विचार पर कायम है कि कोविड-19 की आपदा को दोबारा आमंत्रित करने का कोई कदम न उठाया जाए. राज्य सरकार द्वारा चारधाम यात्रा शुरू किए जाने से यही होगा कि तीर्थस्थलों पर भारी तादाद में लोगों के जुटने के मौके बनेंगे. इसलिए कोर्ट निर्देश देता है कि राज्य सरकार 1 जुलाई से यह यात्रा शुरू करने के अपने फैसले पर फिर सोचे.”
ये भी पढ़ें : उत्तराखंड को HC ने डांटा, ‘ये बताइए थर्ड वेव की तैयारी क्या है… ये नहीं कि यहां रामराज्य है’
गौरतलब है कि बुधवार को कोविड-19 महामारी से जुड़ी कई याचिकाओं की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने ये निर्देश दिए. बता दें कि बीते 20 जून को उनियाल ने राज्य सरकार के निर्णय के बारे में बताया था और इससे पहले 29 अप्रैल को संक्रमण के मद्देनज़र राज्य में चारधाम यात्रा को स्थगित किया गया था.
[ad_2]
Source link