तपोवन आपदा पर हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से मांगा जवाब, गैर-इरादतन हत्या का केस चलाने की मांग
[ad_1]
तपोवन आपदा पर नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से मांगा जवाब.
Tapovan Glacier Disaster: उत्तराखंड के चमोली में तपोवन ग्लेशियर आपदा को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस की अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार समेत सभी संबंधित विभागों को नोटिस भेजकर मांगा जवाब.
नैनीताल. चमोली के रेणी तपोवन में आई आपदा का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार समेत मौसम विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग, डीएम चमोली, जलविद्युत परियोजना समेत अन्य को नोटिस जारी किया है. अदालत ने सभी से इस मामले में 20 जून तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कोर्ट 25 जून को मामले की सुनवाई करेगा.
आपको बता दें कि तपोवन आपदा के बाद वकील, सामाजिक संगठन और सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत अन्य लोगों की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम रेणी तपोवन आपदा क्षेत्र का दौरा किया था. इसके बाद टीम ने रिपोर्ट तैयार की थी. इस टीम ने अपने अध्ययन में पाया कि आपदा की वजह से 204 लोगों की मौत हुई, लेकिन इन लोगों को अभी तक न तो मुआवजा मिला है और न ही डेथ सर्टिफिकेट. साथ ही इस टीम ने यह भी जाना कि आपदा में फंसे लोगों की जान तक बचाने का कोई प्रयास नहीं किया गया.
इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर अल्मोड़ा के पीसी तिवाड़ी ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. इस याचिका में उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि हिमालय में ऐसी आपदाओं के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम तैयार किया जाए, ताकि आपदा की पूर्व सूचना मिल सके. याचिका में यह भी मांग की गई है कि एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया जाए जो हिमालय के प्रभावों व ऐसी आपदाओं पर अध्ययन करे.
पीसी तिवाड़ी की याचिका में मांग की गई है कि जिन लोगों ने इस आपदा के दौरान लापरवाही बरती, उन पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा चलाया जाए. क्योंकि आपदा के दौरान डैम के गेट बंद थे, जिससे कई लोगों की मौत हुई है. उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है.
[ad_2]
Source link