नैनीताल हाईकोर्ट ने बिना वीजा के भारत आने वाली अमेरिकी महिला की कम कर दी सजा
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फरीदा मलिक ने जिला अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
कोर्ट ने माना कि फरीदा मलिक जितने दिन जमानत पर रही, उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा. भारत और अमेरिका के सबंध बेहतर रहे हैं. इस आधार पर सजा माफ की जा सकती है. कोर्ट ने फरीदा मलिक की सजा को 4 साल से घटाकर 11 माह कर दिया.
दरअसल, 12 जुलाई 2019 को नेपाल से भारत आने वाली बस में फरीदा को बनवसा में चैकिंग के दौरान पकड़ा गया था. फरिदा मलिक से पुछताछ हुई तो उसने बताया कि वो नेपाल से भारत घूमने आ रही है. इस दौरान उसका वीजा चेक किया गया तो वह भारत के लिए मान्य ही नहीं था. इस पर बनबसा पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कर फरीदा को जेल भेज दिया. 5 मार्च 2020 को सीजेएम कोर्ट चम्पावत ने 4 साल की सजा सुनाई और 20 हजार का जुर्माना लगाया.
इस फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की तो कोर्ट ने उसको खारिज कर दिया. इस फैसले को फरीदा मलिक ने हाईकोर्ट में चुनौती दी और कहा कि दोनों आदेशों का निरस्त किया जाए. हाईकोर्ट में फरीदा मलिक केस की पैरवी कर रहे अधिवक्ता सीके शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने माना कि जितने दिन बेल पर फरीदा रही, उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा. भारत और अमेरिका के सबंध बेहतर रहे हैं. इस आधार पर सजा माफ की जा सकती है. कोर्ट ने फरीदा मलिक की सजा को 4 साल से घटाकर 11 माह कर दिया. इस सजा को फरीदा मलिक पहले ही पूरी कर चुकी है.
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