उत्तराखंड

पिथौरागढ़: पुल टूटने से गांव में फसे 16 सरकारी कर्मचारी, हेलीकॉप्टर से किया गया रेस्क्यू

[ad_1]

पिथौरागढ़. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) में एक सप्ताह पहले भारी बारिश से पुल टूट जाने के कारण एक गांव में फसे 16 सरकारी कर्मचारियों और सात अन्य लोगों को हवाई मार्ग से डर्मा घाटी (Derma Valley) से धारचूला पहुंचाया गया. धारचूला (Dharchula) के उप जिलाधिकारी ए के शुक्ला ने बताया कि वे दांतु गांव के निवासियों को मछली पालन और बागवानी का प्रशिक्षण देने के लिए गए थे.

शुक्ला ने कहा कि 16 सरकारी कर्मचारियों समेत 23 लोगों को मंगलवार को हेलीकॉप्टर की सहायता से बचाया गया. कंचोटी गांव में 16 जून को एक पुल पानी में बह गया था जिससे कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया था. शुक्ला ने कहा कि पुल को दोबारा बनाने में ज्यादा समय लग सकता है इसलिए फंसे हुए लोगों को हवाई मार्ग से ले जाया गया.

बरसात ने बॉर्डर डिस्ट्रिक में जमकर कहर ढाया

वहीं, कुछ देर पहले खबर सामने आई थी कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में पहली बरसात ने जमकर तबाही मचाई है. बीते दिनों लगातार हुई भारी बारिश से जहां दर्जनों सड़कें बर्बाद हो गईं, वहीं कइयों के आशियाने भी जमींदोज हो गए. पैदल रास्तों और पुलों के टूटने से कई गांव का संपर्क भी टूट गया है. दरअसल, 2013 की आपदा के बाद यह पहला मौका होगा जब पहली बरसात ने बॉर्डर डिस्ट्रिक में जमकर कहर ढाया.

वहां राहत कार्य तेजी से संचालित किए जा रहे हैं

धारचूला (Dharchula), मुनस्यारी और बंगापानी तहसील क्षेत्र में आसमानी आफत ने लोगों को मुश्किल में डाला है. सड़कें, पैदल रास्ते, पुल और कई मकान ध्‍वस्‍त हो गए हैं. हालात ये हैं कि लोगों को इधर-उधर जाने के लिए अपनी जान तक को जोखिम में डालना पड़ रहा है. दारमा घाटी के दर्जनों गांव तो जैसे जहां थे, वहीं कैद हो गए हैं. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेन्द्र महर ने बताया कि जहां भी नुकसान की सूचना मिल रही है, वहां राहत कार्य तेजी से संचालित किए जा रहे हैं.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *