पुष्कर धामी सरकार में 22 हजार नौकरियों पर मुहर, गेस्ट टीचर की भी बल्ले-बल्ले
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गेस्ट टीचरों का वेतन बढ़ा
दूसरे सबसे बड़े निर्णय में अतिथि शिक्षकों का वेतन 15, 000 से बढ़ाकर 25 हजार करने का फैसला किया गया. अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर उनके जनपदों में नियुक्ति दी जाएगी. बड़ी बात यह कि अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त नहीं माना जाएगा. प्रदेश के राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेजों में सालों से जो संविदा पर काम कर रहे थे, 2018 में उनको बाहर कर दिया गया था, इन सभी कार्मिकों की संविदा सेवा बहाल करने का निर्णय किया गया.
मनरेगा कर्मियों को हड़ताल अवधि का वेतन
लंबे समय तक अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत रहे मनरेगा कर्मियों को हड़ताल की अवधि का वेतन दिया जाएगा. इसके अलावा उनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया गया. लंबे समय से समान कार्य का समान वेतन देने की मांग को लेकर आंदोलन कर चुके उपनलकर्मियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए भी मंत्री हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी बना दी गई है. मनरेगा के रिक्त पदों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरा जाएगा.
जिला रोजगार कार्यालय अब आउटसोर्स एजेंसी भी
चौथे बड़े फैसले में हर जिले में मौजूद जिला रोजगार कार्यालयों को उस जनपद के लिए आउटसोर्स एजेंसी बना दिया गया है. काम के अभाव में जिला रोजगार कार्यालय सफेद हाथी बने हुए थे. ये कार्यालय सिर्फ बेरोजगारों के पंजीकरण तक सिमट कर रह गए थे. पुलिस के ग्रेड पे के मामले में मंत्रिमंडल की 3 सदस्य सब कमेटी बनाई गई. सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में धन सिंह रावत और रेखा आर्य कमेटी के सदस्य होंगे.
धामी कैबिनेट ने छह संकल्प भी पारित किए, ये हैं संकल्प
– हमारी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रशासन देने के लिए संकल्पित है
– सरकार युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने का संकल्प लेती है
– दलितों और कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए सरकार काम करेगी
– कोविड नियंत्रण और रोकथाम के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत किया जाएगा
– जनपदों में सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं को शिविरों के माध्यम से आमज तक पहुंचाया जाएगा
– महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार संकल्पित है
हालांकि कैबिनेट की यह बैठक रविवार को हो चुकी थी, लेकिन रात अधिक होने के कारण सोमवार को इसकी ब्रीफिंग की गई. दरअसल, उत्तराखंड में महज पांच से छह महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. उत्तराखंड में वर्तमान में 78 लाख से अधिक वोटर्स हैं, जिनमें से 57 फीसदी वोटर्स की तादाद युवाओं की हैं. इसलिए युवा वोटर्स सियासी दलों की प्राथमिकता में हैं. धामी उत्तराखंड के अब तक के सबसे कम उम्र के युवा सीएम हैं. बीजेपी में धामी पूर्व में दो बार यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. युवाओं से नजदीकी कनेक्शन होने के चलते यूथ को उनसे उम्मीदें भी बहुत हैं.
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