उत्तराखंड

बारिश न होने की वजह से सूखने की कगार पर पहुंची जौनसार बावर में मटर की पौध

विकासनगर। दिसंबर माह में बारिश नहीं होने से जौनसार बावर में मटर की पौध सूखने की कगार पर पहुंच गई है। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। किसानों का कहना है कि उन्होंने 70 प्रतिशत खेतों में मटर बुआई की हुई है। बारिश नहीं होने से कई खेतों में मटर की पौध उगी ही नहीं है। जहां पौध उगी है वो भी झुलसने लगी है। किसान दयाराम नेगी, दत्तराम पंवार, कृपाल सिंह बिष्ट, श्याम सिंह चौहान, आशीष पंवार, प्रेम दास वर्मा ने बताया कि मटर का बीज खरीदने के लिए बैंक से ऋण लिया था। जिसकी अदायगी मटर के पैदावार पर निर्भर रहती है। सूखा पड़ने से पैदावार चौपट हो चुकी है। जिससे बैंक ऋण चुकाने की चिंता बढ़ गई है।

किसानों के कर्ज में डूबने की कगार पर पहुंच चुके हैं। कुछ किसानों ने बीज खरीद कर घर में रखा था। सोचा था कि कुछ खेतों में बारिश होने के बाद बुवाई करेंगे। लेकिन बारिश नहीं होने से बुवाई भी नहीं हो सकी। जबकि उगी हुई मटर की फसल सूखने लगी है। आसमान से पानी बरसने के आसार नहीं दिखने से अब चिंता बढ़ने लगी है। क्षेत्र के किसानों के पास नगदी फसल के अलावा अपनी जीविका का कोई दूसरा साधन उपलब्ध नहीं है। लिहाजा इन दिनों सभी किसान टकटकी लगाए आसमान की ओर देख रहे हैं। कहा कि बारिश पर ही किसानों के परिवार की खुशहाली निर्भर करती है।

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