हरिद्वार : पतंजलि योगपीठ और राज्य सरकार के कोविड अस्पताल में घुस गया बारिश का पानी
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150 बेड वाला यह अस्थाई कोविड अस्पताल राज्य सरकार और पतंजलि योगपीठ के नियंत्रण में है.
बेस अस्पताल के नोडल अधिकारी दयानंद सरस्वती का कहना है कि अस्पताल के पास से एक बड़ा नाला बहता है. बारिश के पानी से नाला चोक हो जाने के कारण अस्पताल परिसर में पानी आ गया था.
पुलकित शुक्ला हरिद्वार. उत्तराखंड (Uttarakhand) के हरिद्वार (Haridwar) में 150 बेड के कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) में बारिश का पानी भर गया. इस अस्थाई बेस अस्पताल को कुंभ मेले के लिए बनाया गया था. लेकिन कुंभ मेले (Kumbh Mela) के बाद अस्पताल को कोविड मरीजों के इलाज के लिए रिजर्व कर दिया गया है. अस्पताल का संचालन राज्य सरकार (state government) और बाबा रामदेव (baba ramdev) की पतंजलि योगपीठ (Patanjali Yogpeeth) संयुक्त रूप से कर रहे हैं. वॉर्ड तक में घुसा बारिश का पानी इस अस्थाई बेस अस्पताल का उद्घाटन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (CM Tirath Singh Rawat) और बाबा रामदेव ने किया था. उद्घाटन के बाद से ही अस्पताल में लगातार कई तरह की अव्यवस्था सामने आती रही है. मंगलवार और बुधवार को लगातार हुई बारिश ने भी अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी. बारिश का पानी अस्पताल में अंदर तक घुस गया. जब इसकी तस्वीरें सामने आईं, तब पता चला कि मरीजों के वॉर्ड तक भी पानी पहुंच गया है. बाद में अस्पताल के स्टाफ को ही पानी निकालने के लिए मशक्कत करनी पड़ी.मरीजों को नहीं करना पड़ा शिफ्ट बेस अस्पताल के नोडल अधिकारी दयानंद सरस्वती का कहना है कि अस्पताल के पास से एक बड़ा नाला बहता है. बारिश के पानी से नाला चोक हो जाने के कारण अस्पताल परिसर में पानी आ गया था. किसी भी पेशेंट को शिफ्ट करने की नौबत नहीं आई है. अस्थाई है बेस अस्पताल
उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र में बना यह डेढ़ सौ बेड का कोविड केयर सेंटर अस्थाई अस्पताल है. कुंभ मेले के तहत इस अस्पताल को बनाया गया था. मेला खत्म होने के बाद कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया गया. जिला प्रशासन के आग्रह पर बाबा रामदेव की पतंजलि योगपीठ ने सरकार के साथ मिलकर अस्पताल का संचालन करना शुरू किया.
उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र में बना यह डेढ़ सौ बेड का कोविड केयर सेंटर अस्थाई अस्पताल है. कुंभ मेले के तहत इस अस्पताल को बनाया गया था. मेला खत्म होने के बाद कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया गया. जिला प्रशासन के आग्रह पर बाबा रामदेव की पतंजलि योगपीठ ने सरकार के साथ मिलकर अस्पताल का संचालन करना शुरू किया.
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