उत्तराखंड

उत्तराखंड: सल्ट विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की जीत, मैनेजमेंट और सहानुभूति के साथ ये रही जीत की वजह

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सल्ट विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत.

सल्ट विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत.

अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की है. इस सीट पर एक बार फिर सहानुभूति और मैनेजमेंट के चलते बीजेपी को जीत मिली है. साल 2020 में सल्ट विधायक सुरेंद्र सिंह जिला का निधन हो गया था. इसके बाद यह सीट खाली हो गई थी.

देहरादून. उत्तराखंड ( Uttarakhand ) के अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधानसभा उपचुनाव ( Salt Assembly by-election) में भाजपा ने जीत दर्ज की है. इस सीट पर एक बार फिर सहानुभूति और मैनेजमेंट के चलते बीजेपी को जीत मिली है. साल 2020 में सल्ट विधायक सुरेंद्र सिंह जिला का निधन हो गया था. इसके बाद यह सीट खाली हो गई थी. इस सीट पर 17 अप्रैल को उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई इसमें असल मुकाबला बीजेपी के महेश जीना जो सुरेंद्र सिंह जीना के भाई हैं और कांग्रेस की गंगा पंचोली के बीच हुआ. 2 मई को आए नतीजों ने सबको चौंका कर रख दिया. सुरेंद्र सिंह जीना के भाई महेश जीना चुनाव जीत गए . राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि जीना को उनके भाई के निधन के बाद सहानुभूति मिली. यही सहानुभूति वोट में तब्दील हुई और बीजेपी इलेक्शन जीतने में कामयाब हुई. इस इससे पहले उत्तराखंड में थराली सीट के विधायक मगन लाल शाह का निधन हो गया था और इस सीट पर उनकी पत्नी ने चुनाव लड़ा. थराली सीट के उपचुनाव में मुन्नी देवी अपने पति की जगह चुनाव लडक़र विधानसभा पहुंचीं. इसके बाद साल 2019 के जून में पिथौरागढ़ से विधायक रहे और कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का निधन हो गया था. इस सीट पर उपचुनाव उनकी पत्नी चंद्रा पंत ने लड़ा और यहां भी सहानुभूति के साथ चंद्रा पंत को वोट मिले. बीजेपी पिथौरागढ़ का उपचुनाव भी जीती. यानि तीन उपचुनाव में बीजेपी को मैनेजमेंट के साथ सहानुभूति का भी पूरा साथ मिला. वहीं कुछ दिन पहले कैंसर से पीडि़त और गंगोत्री सीट से विधायक गोपाल रावत का निधन हो गया. इस वक्त गंगोत्री सीट खाली है. इस सीट पर अक्टूबर 2021 तक विधानसभा का उपचुनाव होना है. ऐसे में देखना होगा कि बीजेपी गोपाल रावत के परिवार से किसे चुनाव में उतारती है. उत्तराखंड में अब तक हुए 3 उपचुनाव के रिजल्ट से साफ है कि कहीं ना कहीं पार्टी मैनेजमेंट के साथ-साथ विधायक उम्मीदवारों को सहानुभूति का भी पूरा फायदा मिला है. बीजेपी के उपचुनाव जीतने में कामयाबी को लेकर यह भी एक वजह रही.





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