उत्तराखंड

उत्तर प्रदेश चुनाव: आखिरी चरण में पूर्वांचल की इन हॉट सीटों पर काफी दिलचस्प मुकाबला

[ad_1]

नई दिल्ली/ममता त्रिपाठी. 10 फरवरी से शुरू हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण की वोटिंग सात मार्च को होनी है. इसमें नौ जिलों आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, चंदौली और सोनभद्र की 54 सीटों पर मतदान होना है. पूर्वांचल की कुछ विधानसभा सीट ऐसी हैं जहां मुकाबला काफी दिलचस्प है.

पूर्वांचल को लेकर ओमप्रकाश राजभर के दावे कि अधिकतर सीट हम जीतेगें की हकीकत भी इसी चरण के मतदान के बाद पता चलेगी. पूर्वांचल के ज्यादातर बाहुबलियों की सियासी परीक्षा भी इसी चरण में होनी है. मुख्तार अंसारी, धनंजय सिंह, बृजेश सिंह जैसे बाहुबलियों के इलाकों में मतदान सात मार्च को होना है.

साथ ही सपा के मुख्य गठबंधन घटक दल सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर की परीक्षा भी इसी चरण में होनी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस, तो अखिलेश के आजमगढ़ की तरफ भी सबकी निगाहें लगी हैं. आपको कुछ ऐसी सीट के बारे में बताते हैं जिसकी चर्चा जोरों पर है और कहा जा रहा है कि यहां कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है.

जहूराबाद सीट से खड़े हैं ओमप्रकाश राजभर
ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर की जहूराबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. राजभर इसी सीट से विधायक भी हैं. शिवपाल गुट की नेता शादाब फात्मा को सपा ने जब टिकट नहीं दिया, तो वो बागी हो गई और बसपा के खेमे में चली गईं. उनके मैदान में उतरने के बाद से चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है. फात्मा सपा की पिछली सरकारों में मंत्री रही हैं.

गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट पर कांटे की टक्कर
इसी तरह से मऊ से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास पहली बार चुनावी मैदान में हैं. अब्बास के बयानों के चलते चुनाव आयोग ने उनके प्रचार करने पर प्रतिबंध लगा रखा है. गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद सीट पर भी कांटे की टक्कर है. 2017 के चुनाव में भाजपा की अलका राय ने मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्ला अंसारी को यहां हराया था. इस बार सिबगतुल्ला के बेटे मन्नू चुनाव मैदान में हैं, जबकि भाजपा ने अलका राय पर ही भरोसा जताया है. इस सीट पर भूमिहार और मुस्लिम मतदाता लगभग बराबर ही हैं, इसलिए दूसरी जातियों का वोट जिसे मिलता है उसका जीतना यहां से तय माना जाता है. आपको बता दें कि 2002 में अलका राय के विधायक पति कृष्णानंद राय को गाजीपुर पट्टी के पास घेरकर गोलियों से छलनी कर दिया गया था जिसका आरोप मुख्तार अंसारी पर है.

काशी की सभी विधानसभा सीटें अहम
इसी तरह से प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के कारण काशी की सभी सीटें बेहद अहम हैं, मगर वाराणसी दक्षिण की सीट पर जोरदार टक्कर मानी जा रही है क्योंकि यहां से मौजूदा भाजपा विधायक से लोगों में बहुत नाराजगी है और सपा ने भी एक महंत को टिकट दे दिया है जिससे भाजपा की राह थोड़ी मुश्किल हो गई है. जौनपुर की मल्हनी सीट भी हॉट सीट है. ये सीट सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है, तो धनंजय सिंह भी माननीय बनने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं. बाहुबली धनंजय सिंह जनता दल (यू) के टिकट से मैदान में हैं, तो वहीं सपा ने मुलायम सिंह यादव के पुराने साथी पारसनाथ यादव के बेटे लकी यादव को टिकट दिया है. लकी मौजूदा समय में भी इसी सीट से विधायक हैं. मुलायम सिंह यादव से लेकर शिवपाल यादव और रामगोपल यादव सबने यहां आकर लकी यादव के लिए प्रचार किया है.

चंदौली की सैय्यदराजा सीट पर भाजपा बनाम सपा
इसी तरह चंदौली की सैय्यदराजा सीट भी इस चरण की हॉट सीटों में से एक है. यहां से बाहुबली बृजेश सिंह जो कि भाजपा से विधान परिषद सदस्य हैं, के भतीजे सुशील सिंह मैदान में हैं. सपा ने उनके खिलाफ मनोज सिंह डब्लू को प्रत्याशी बनाया है. चंदौली रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का जिला है. सुशील सिंह यहां से मौजूदा विधायक भी हैं. इसी तरह बाहुबली विजय मिश्रा ज्ञानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. वो फिलहाल आगरा जेल में बंद हैं. विजय मिश्रा पिछले दो दशक से इस सीट से विधायक हैं.

आजमगढ़ की सभी 10 सीटों पर नजरें
सपा मुखिया अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र होने की वजह से आजमगढ़ पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं. आजमगढ़ में कुल दस विधानसभा सीटें हैं, जिसमें 2017 के चुनाव में पांच पर सपा ने जीत हासिल की थी, जबकि चार बसपा और एक सीट बीजेपी के खाते में गई थी. अखिलेश के सामने अपना गढ़ बचाने की चुनौती है, तो वहीं भाजपा सेंध लगाने की पूरी जुगत में है.

आपको बता दें कि आजमगढ़ में यादव और मुस्लिम मिलकर सपा की नैया पार करते रहे हैं. दुर्गा प्रसाद यादव और संग्राम यादव दोनों ही पिछली सरकार में मंत्री रहे हैं, ऐसे में उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. इन सभी सीटों पर सात मार्च को मतदान होना है और दस मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे.

आपके शहर से (लखनऊ)

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश

Tags: Akhilesh yadav, Assembly elections, Narendra modi, Uttar Pradesh Elections

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *