उत्तराखंड

मुंबई: कार नंबर प्लेट और CCTV से सुलझी लाखों रुपए की लूट की गुत्थी, सभी आरोपी सलाखों की पीछे

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मुंबई. मुंबई के मुलुंड इलाके में बंदूक की नोक पर एक आंगडिया के दफ्तर में हुई लाखों की लूट की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. इस मामले में पुलिस ने लूट में शामिल मुख्य आरोपी सहित 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस गुत्थी को सुलझाने में लूट में इस्तेमाल की गई कार के नंबर प्लेट और सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई तस्वीरों ने बेहद ही अहम भूमिका निभाई. दरअसल 2 फरवरी की शाम करीब 3.15 बजे वीपी इंटरप्राइजेज नामक दफ्तर में हुई लूट की इस घटना के बाद पुलिस ने इलाके और टोल नाकों के सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू किया. इसी दौरान उन्हें लूट में इस्तेमाल ईको कार और उसमें बैठे आरोपी भागते नजर आए.

इस सुराग के हाथ लगते ही पुलिस की टीम ने जब नंबर को वेरिफाई किया, तो वह दूसरी गाड़ी का निकला क्योंकि आरोपियों ने कार के असली नंबर प्लेट के ऊपर दूसरी कार का नंबर चिपकाकर वारदात को अंजाम दिया था. हालांकि आरोपियों की पहचान हो चुकी थी, इसलिए पुलिस ने जाल बिछाया और नवी मुम्बई में 5648 नंबर प्लेट की कार को पकड़ लिया. असली नंबर प्लेट के आधार पर पुलिस कार मलिक तक पहुँची और वहां से उसके ड्राइवर तक और उससे पूछताछ के आधार पर 4 आरोपियों को महाराष्ट्र से, 2 को उज्जैन से, एक को सूरत से और एक को वाराणसी से गिरफ्तार किया.

हथियार और 38 लाख रुपये बरामद
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम नीलेश सुर्वे, नीलेश चव्हाण, मनोज कालन, वसिउल्लाह चौधरी, दिलीप सिंह, गगन सिंह, बिपिन सिंह उर्फ मोनू और सनी राजभर हैं. इनके पास से 4 पिस्टल, 2 कट्टा सहित लूटे गए 70 लाख रुपये में से 38 लाख रुपये बरामद किये गए हैं. इस गिरोह का सरगना यूपी का गैंगस्टर विपिन सिंह उर्फ मोनू है, जिसकी अगुवाई में इस लूट को अंजाम दिया गया था.

घटना के तुरंत बाद 12 टीम बनाई गई
मुम्बई पुलिस के जॉइंट सीपी विश्वास नागरे पाटिल ने बताया कि घटना होने के बाद तुरंत 12 टीमों का गठन किया गया और अलग-अलग जिलों और राज्यों में भेजा गया. इस दौरान सीसीटीवी फुटेज में दिखी कार और उस पर लगी नंबर प्लेट के आधार पर टीम ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया और उससे पूछताछ में पूरी लूट की साज़िश और उसमें शामिल आरोपियों का पर्दाफाश हो गया.

दो बार की गई थी मुलुंड इलाके की रेकी
पुलिस के मुताबिक इस लूट को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने गहरी साजिश रची थी. साज़िश के तहत 2 महीने पहले मुलुंड इलाके की रेकी की गई थी. इस रेकी के बाद आरोपी वसिउल्लाह चौधरी ने आंगडिया के दफ्तर में लाखों रुपये होने की टिप सरगना मोनू को दी थी. इस टिप के बाद दोबारा रेकी की गई और 2 फरवरी के दिन मास्टरमाइंड सोनू ने अपने 7 साथियों के साथ मिलकर बंदूक की नोक पर 70 लाख रुपये लूटे और वहां से खारघर की तरफ भाग गए.

गाड़ी के नंबर प्लेट और सीसीटीवी ने आरोपियों को पहुंचाया सलाखों के पीछे
लूट की रकम को बांटने के बाद एक-एक करके सभी अपनी-अपनी निश्चित जगहों पर उतर गए. वहां से मुख्य सरगना मोनू और आरोपी गगन उज्जैन चले गए, लेकिन गाड़ी के नंबर प्लेट और सीसीटीवी की तस्वीरों ने सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुँचा दिया. पुलिस के मुताबिक मुलुंड में लूट को अंजाम देने से पहले इन गिरोह ने पनवेल, तलोजा और रायगढ़ में इसी तरह की लूट को अंजाम देने की कोशिश की थी, लेकिन वहां उन्हें ज्यादा कुछ नही मिला था.

इतना ही नही, मुख्य आरोपी विपिन उर्फ मोनू एक गैंगस्टर है और यूपी में वह बीजेपी के एक नेता की हत्या को अंजाम दे चुका है. फिलहाल पुलिस मामले की तह तक जाने में जुटी हुई है, क्योंकि अभी भी 32 लाख रुपयों की बरामदगी होनी बाकी है.

Tags: Maharashtra, Mumbai

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