26/11 Mumbai Attacks: नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, चबाड हाउस को आतंकियों ने क्यों बनाया था निशाना?
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मुंबई: मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले ( Mumbai Terrorists Attacks) को लेकर एक नया खुलासा हुआ है. लंदन स्थित यहूदी साप्ताहिक समाचार पत्र के एक लेख में बताया है कि आखिर किस तरह से आतंकवादियों ने यहूदी केंद्र चबाड हाउस (Chabad House) को अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए निशाना बनाया. लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के आतंकियों के इस हमले में करीब 174 लोगों की मौत हुई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे.
26/11 आतंकी हमले (26/11 Mumbai Attacks) में आतंकवादियों ने छह यहूदियों की भी हत्या कर दी थी. यहूदी क्रॉनिकल ने भारत में सरकारी स्रोतों का हवाला देते हुए लिखा कि अवसरवादी लक्ष्य होने के बजाय आतंकवादियों ने चबाड हाउस को यहूदी स्थान के रूप में चुना था.
आतंकवादियों के बीच की बातचीत की वायर टैप रिकॉर्डिंग से यह बात सामने आती है कि आतंकवादियों ने इस हमले से कई समुदायों पर एक साथ हमला करके दुनिया भर की मीडिया का अपने तरफ ज्यादा से ज्यादा ध्यान खीचने के लिए यहूदियों को लक्ष्य बनाया और चबाड हाउस को चुना.
रिकॉर्डिंग में जकीउर रहमान की आवाज
पत्रिका के अनुसार, आतंकवादी अपने लक्ष्य के चयन के दौरान लगातार फोन पर बातचीत कर रहे थे उनकी रिकॉर्डिंग से साफ पता चलता है कि हथियारों लैस 10 आतंकियों की तैनाती की गई थी और हमले में पूरी रणनीति का इस्तेमाल किया गया था. रिकॉर्डिंग में सुनी आवाजों में जकीउर रहमान लखवी की आवाज भी जिसके बारे में यह कहा जाता है कि वह मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है
यहूदी क्रॉनिकल रिपोर्ट में कहा गया कि भारत सरकार के सूत्रों ने एक फिल्म निर्माता को वायरटैप के बारे में बताया था जो कि यहूदियों पर एक डाक्यूमेंट्री बना रहे थे. उन्हें आतंकवादियों से एक रिकॉर्डिंग मिली है जो अपने लक्ष्य के लिए चबाड हाउस को लेकर बात कर रहे थे. आतंकी जब मुंबई आए तो उन्हें पता था कि वह कहां जा रहे हैं.
आतंकी इस बारे में अच्छे से जानते थे कि यहूदियों को निशाना बनाना बड़ा मुद्दा बन जाएगा और इससे दुनिया भर की मीडिया का ध्यान उनकी तरफ आ जाएगा. निर्देशक ने कहा कि आतंकी इस बात से वाकिफ थे कि यहूदियों को भारत और मुंबई में कभी भी सताया नहीं गया था और यह एक संपन्न समुदाय है.
मुंबई में हुए हमले का एक मकसद था कि यहां के सद्भाव को तोड़ा जा सके. आतंकी जानते थे कि 23 मिलियन से ज्यादा की संख्या है और अलग अलग समुदाय के लोग यहां एक साथ रहते हैं. इजराइली फिल्म निर्माता ओरेन रोसेनफेल्ड की फिल्म मुंबई के यहूदी समुदाय के इतिहास को दर्शाती है जो कि 2022 में रिलीज होने के लिए तैयार है.
आतंकवादियों द्वारा अपने लक्ष्यों के चयन पर चर्चा करने की रिकॉर्डिंग इस बात की पुष्टि करती है कि 10 भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों की तैनाती में रणनीति का इस्तेमाल किया गया था, ये सभी पाकिस्तानी नागरिक थे. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सुनी गई आवाजों में जकीउर रहमान लखवी की आवाज है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है
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