उत्तराखंड

‘वार्म’ वैक्सीन को बाजार में लाने के लिए मिली 31 करोड़ की फंडिंगः रिपोर्ट

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नई दिल्ली. इंडियन इंस्ट्टीयूट ऑफ साइंस के वैज्ञानिकों ने स्टार्ट अप फर्म मिनवैक्स के साथ मिलकर ऐसी वैक्सीन तैयार की है जिसके लिए कम तापमान की जरूरत नहीं है. इसे वार्म वैक्सीन का नाम दिया गया है. वार्म वैक्सीन को दुनिया के विभिन्न बाजारों में उतारने के लिए एक्सेल की अध्यक्षता में फंडिंग के सीरीज ए राउंड में 4.2 मिलियन डॉलर (31 करोड़) जुटाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. फर्म ने कहा कि वह COVID-19 और मानव इन्फ्लूएंजा के लिए एक और नए वैक्सीन पर काम किया जा रहा है और इस फंडिंग का इस्तेमाल क्लिनिकल डेवलपमेंट को बढ़ाने के लिए किया जाएगा.

‘वार्म’ वैक्सीन दुनिया के उन दूरदराज के हिस्सों में लोगों को टीकाकरण करने में मददगार होगा, जहां कोल्ड स्टोरेज की पहुंच सीमित है. CSIRO के वैज्ञानिकों के अनुसार, IISc और Mynvax द्वारा विकसित किए जा रहे वैक्सीन में एंटीबॉडी हैं जो सभी चार प्रमुख कोविड वेरिएंट को बेअसर कर सकती है. रिपोर्ट के अनुसार 2021 के बाद वार्म वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू होगा. फिलहाल चूहों पर इसका प्रयोग किए गया और नतीजे बेहतर मिलने का दावा किया गया है.

सभी खतरनाक वेरिएंट पर प्रभावी है वॉर्म वैक्सीन

जानवरों पर हुई एक स्‍टडी में यह बात सामने आई है कि भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु की ओर से विकसित वॉर्म कोरोना वैक्सीन कोरोना के सभी खतरनाक कहे जाने वाले वेरिएंट जैसे ही अल्फा, बीटा, डेल्टा, कप्पा के खिलाफ प्रभावी है.

एसीएस इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित इस रिसर्च से पता चला है कि इस वॉर्म कोरोना वैक्सीन फॉर्मूले ने चूहों में एक मजबूत इम्यून सिस्टम को विकसित किया है.

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