PM अंतरराष्ट्रीय मंच से अपनी भाषा बोलते हैं…. हिंदी दिवस पर बोले गृह मंत्री अमित शाह
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नई दिल्ली. हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के मौके पर गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि देश की राष्ट्रभाषा हिन्दी होगी और लिपि देवनागरी, यह आजादी के बाद से ही तय हो चुका था. उन्होंने कहा कि हिन्दी का किसी भाषा के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं है. भारतीय भाषाओं में बोलने वाले सांसदों की तादात बढ़ी है, इसके लिए मुझे बहुत खुशी है. गृह मंत्री ने कहा कि हिन्दी भारत की सारी भाषाओं की सखी है. स्थानीय भाषाओं को भी आज के दिन अपना मूल्यांकन करना चाहिए. भारत ने भाषाओं को संभालकर रखा है.
शाह ने कहा कि आत्मनिर्भर अभियान भारत की भाषाओं को जानने के लिए है. जब हम आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे.. स्वराज, स्वदेशी और स्वभाषा हमारा मूलमंत्र था. प्रधानमंत्री दुनिया के ऊंचे से ऊंचे मंच पर अपने देश की भाषा बोलते हैं. सभी भाषाओं को साथ लेकर राजभाषा को बढ़ाना है. अमित शाह ने कहा कि कोविड के खिलाफ भारत में लड़ाई बहुत अच्छे लड़ी गई क्योंकि प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों, जनता, और अन्य नुमाइंदों के साथ 35 से ज्यादा संवाद किए. ये संवाद राजभाषा में किए गए थे, जिसे लोगों ने समझा और जंग पुख्ता तरीके से लड़ी गई.
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में भी स्थानीय और राजभाषा को खास जगह दी गई है. शिक्षण संस्थानों में स्थानीय भाषाओं के कई कोर्स शुरू होंगे. गृह मंत्री ने कहा कि बच्चों से अपनी भाषा में बात करना चाहिए ताकि वो अपनी जड़ों से जुड़ा रहे और बोलचाल की भाषा गौरव के साथ बोलें. किसी भी तरीके का संकोच न करें.
उन्होंने कहा कि राजभाषा विभाग गृह मंत्रालय का प्रमुख अंग है और इस साल कई कार्यक्रम होंगे. गृह मंत्री ने जोर देकर कहा कि देश के हर प्रदेश के इतिहास का स्थानीय भाषा में और उसका अनुवाद राजभाषा में होना चाहिए.
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