कोरोना से अभिभावक खोने वाले बच्चों को 4,000 रुपये तक की मासिक सहायता योजना
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नयी दिल्ली. केंद्र सरकार (central government) कोविड-19 (Covid-19 Endemic) की वजह से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को दी जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 4,000 रुपये करने की योजना बना रही है. अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में एक प्रस्ताव अगले कुछ सप्ताह में मंजूरी के लिए कैबिनेट (Cabinet) के पास जा सकता है. अधिकारी ने बताया कि महिला और बाल विकास मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया है कि महामारी (Corona Pandemic) से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को दिया जाने वाला मासिक सहायता 2,000 रुपये से बढ़ाकर 4,000 रुपये किया जाए.
सरकार ने मई में घोषणा की थी कि जिन बच्चों के माता-पिता या कानूनी अभिभावक/गोद लेने वाले माता-पिता कोविड-19 के कारण खो दिया है, उन्हें ‘पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत सहायता दिया जाएगा. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अब तक इस योजना के तहत प्राप्त 3,250 आवेदनों में से कुल 667 को संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा मंजूर किया गया है. आंकड़ों से यह भी पता चला कि अब तक 467 जिलों से आवेदन प्राप्त हुए हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मई में ऐलान किया था कि जिन बच्चों के माता-पिता या अभिभावक की कोरोना वायरस के चलते जान चली गई है उन्हें ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन फंड’ के तहत सहायता दी जाएगी. इसके अंतर्गत इन्हें 18 साल तक की आयु का होने के बाद मासिक स्टाइपेंड दिया जाएगा इसके साथ ही उन्हें 23 साल का हो जाने के बाद 10 लाख रुपये दिए जाएंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जानकारी दी गई कि कोविड से जान गंवाने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी. बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन लेने में सहायता दी जाएगी और ऋण के ब्याज का भुगतान पीएम केयर्स के जरिए किया जाएगा.
इसके साथ ही बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा और इसके प्रीमियम का भुगतान भी पीएम केयर्स के जरिए किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बच्चे भारत के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं; हम उनका समर्थन करने, उनकी रक्षा करने के लिए सब कुछ करेंगे. 10 साल से कम उम्र के बच्चों को सेंट्रल स्कूल या निजी स्कूल में दाखिला कराया जाएगा. अगर बच्चे का दाखिला निजी स्कूल में कराया जाता है तो आरटीई नियमों के तहत उसकी फीस भी पीएम केर्यस से दी जाएगी. पीएम केयर्स से यूनिफॉर्म, कॉपी-किताबों का भी खर्च दिया जाएगा.
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