गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी और वाम नेता कन्हैया कुमार 28 सितंबर को कांग्रेस में होंगे शामिल
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अहमदाबाद. गुजरात (Gujarat) के निर्दलीय विधायक एवं प्रभावशाली दलित नेता जिग्नेश मेवानी (Jignesh Mevani) ने जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (kanhaiya kumar) के साथ 28 सितंबर को कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की है. भारतीय जनता पार्टी शासित गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह घटनाक्रम हुआ है. मेवानी, 2017 के राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन से बनासकांठा जिले के वडगाम सीट से निर्वाचित हुए थे. उन्होंने कहा, ‘28 सितंबर को मैं कन्हैया कुमार के साथ कांग्रेस में शामिल होऊंगा.’
उन्होंने कहा कि गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी प्रमुख हार्दिक पटेल भी दिल्ली में इस कार्यक्रम में शरीक होंगे, जहां वह (मेवानी) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होंगे.
पटेल ने एक बयान में कहा, ‘हम उन सभी क्रांतिकारी युवाओं का स्वागत करते हैं, जो देश के विकास और कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करने को इच्छुक हैं तथा (महात्मा) गांधी, सरदार (पटेल) और (जवाहरलाल) नेहरू को अपना आदर्श मानते हैं.’ उन्होंने मेवानी को पुराना मित्र बताते हुए कहा कि उनके कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत होगी. गुजरात कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी की भ्रष्ट नीतियों के खिलाफ लड़ने वाले हर व्यक्ति का कांग्रेस स्वागत करती है.’
कांग्रेस को है यह उम्मीद!
कांग्रेस को उम्मीद है कि कन्हैया और मेवानी की पार्टी में एंट्री उनके लिए अच्छी होगी क्योंकि कई युवा नेता जैसे- ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुष्मिता देव, जितिन प्रसाद, प्रियंका चतुर्वेदी और ललितेशपति त्रिपाठी ने बीते वर्षों में पार्टी छोड़ दी है. संभव है कि मेवानी और कुमार को कांग्रेस यूपी चुनाव में भी प्रचार के लिए इस्तेमाल कर सकती है.
मेवानी और कन्हैया के अलावा भी कुछ पूर्व वामपंथी नेता कांग्रेस में हैं. उदाहण के लिए प्रियंका की टीम में एक प्रमुख सदस्य संदीप सिंह हैं. सिंह जेएनयू के पूर्व आइसा नेता हैं. आइसा भाकपा (माले) लिबरेशन की छात्र इकाई है. वहीं आइसा के एक अन्य पूर्व जेएनयूएसयू अध्यक्ष मोहित पांडे, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख थे.
अब तक कैसा रहा है कन्हैया और जिग्नेश का सफर? क्या आएंगे कांग्रेस के काम!
कन्हैया कुमार को 2019 लोकसभा के चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था. वो भाकपा के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे थे. भाजपा के दिग्गज नेता गिरिराज सिंह ने उन्हें बड़े अंतर से हराया था. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अगर वे कांग्रेस का दामन थामते हैं तो ये उनकी राजनीतिक पारी की नई शुरुआत होगी. कहा ये भी जा रहा है कि कांग्रेस कन्हैया कुमार के सहारे बिहार में अपनी कमज़ोर होती जमीन को मजबूत करना चाहती है.
उधर दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जिग्नेश मेवानी गुजरात से निर्दलीय विधायक हैं. कहा जा रहा है कि गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने जिग्नेश को लेकर दिल्ली में बैठे आलकमान से बातचीत की है. पिछले दिनों गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद मेवानी ने कड़ी टिप्पणी की थी. साथ ही उन्होंने कहा था कि ये इस्तीफा निश्चित रूप से 2022 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए चुनावी अंकगणित को तैयार करने के मकसद से आया है. बता दें कि इस बार कांग्रेस गुजरात में पूरी ताकत से मैदान में उतरने की तैयारी में है. पिछली बार उन्हें काफी कम अंतर से बीजेपी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था.
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