उत्तराखंड

AAP पंजाब के रास्ते राजस्थान में तलाश रही है राजनीतिक जमीन, जानिये क्या तैयार की है रणनीति

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जयपुर. दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) अब पंजाब के रास्ते राजस्थान में राजनीतिक जमीन (Political Ground) तलाशने में जुटी है. वह पंजाब से सटे क्षेत्र में पार्टी अपनी पैठ जमाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए किसान आन्दोलन (Kisan Aandolan) पार्टी को सबसे मुफीद मसला नजर आ रहा है. इसी कारण पार्टी तीन दिन बाद 26 सितंबर को श्रीगंगानगर में बड़ा किसान सम्मेलन आयोजित करने जा रही है. उसे पार्टी के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह सम्बोधित करेंगे. पार्टी ने रणनीति के तहत किसान न्याय सभा के लिए इस क्षेत्र का चयन किया है. राजस्थान में पार्टी का आधारभूत ढांचा तैयार है और यहां करीब 26 जिलों में पार्टी की कार्यकारिणियां मौजूद हैं. पार्टी अब इसे और मजबूत करने की कवायद में जुटी है.

दरअसल पंजाब में जल्दी ही चुनाव होने वाले हैं और आम आदमी पार्टी को वहां अच्छी स्थिति में माना जा रहा है. पंजाब में पार्टी की पैठ को वह उससे सटे राजस्थान के इलाकों में भी भुनाना चाहती है. वहीं किसान आन्दोलन का प्रभाव भी पंजाब से सटे इलाकों में ही ज्यादा है. लिहाजा पार्टी को वहां इसका भरपूर फायदा मिलने की उम्मीद है. पार्टी के प्रदेश सचिव देवेन्द्र शास्त्री का कहना है कि राजनीतिक दलों ने किसानों से जो वादे किए वो कभी पूरे नहीं किए और किसानों को आम आदमी पार्टी से इनके समाधान का विश्वास है.

जनता से जुड़े मुद्दे उठाएगी पार्टी
पार्टी के प्रदेश सचिव देवेन्द्र शास्त्री का कहना है कि राजस्थान में पार्टी का आधारभूत ढांचा तैयार है. पार्टी को दूसरे राज्यों में जैसा समर्थन मिल रहा है उससे राजस्थान के कार्यकर्ताओं में भी उत्साह है. रणनीति के तहत पार्टी अब जनता से जुड़े प्रमुख मसलों को आन्दोलन का रूप देने में लगी है. खास तौर से बड़े वर्ग को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर पार्टी आगामी दिनों में बड़े आन्दोलन खड़े करने की तैयारी कर रही है. इनमें बिजली बिलों और स्कूल फीस का मुद्दा शामिल है. हालांकि देवेन्द्र शास्त्री का कहना है कि पार्टी केवल चुनावी नजरिए से ये सब नहीं कर रही है बल्कि इन मुद्दों को उठाने के लिए ही पार्टी राजनीति में है.

सफलता की है दरकार
राजस्थान में आम आदमी पार्टी करीब एक दशक से सक्रिय है लेकिन अभी तक पार्टी को कुछ ज्यादा सफलताएं नहीं मिल पाई है. पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन काफी लचर रहा था. अब पार्टी जनता से जुड़े मुद्दे उठाकर उसका समर्थन हासिल करने के प्रयास कर रही है. प्रदेश सचिव देवेन्द्र शास्त्री का कहना है कि बिजली का मुद्दा हर परिवार का मुद्दा है. इसे सरकार ने कमाई का जरिया बना लिया है. लोगों की जेब पर डाका डाला जा रहा है. कम से कम कोरोना काल के बिल सरकार को माफ करने चाहिए थे लेकिन राजस्थान में सबसे महंगी बिजली है. उन्होंने कहा कि बिजली, पानी, हैल्थ, एजुकेशन पार्टी के कोर इश्यूज है. अगर दूसरी पार्टियां इन्हें हल कर देगी तो आप को राजनीति में रहने की जरुरत ही नहीं है.

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