उत्तराखंड

Afghanistan Crisis: NRF के प्रवक्ता फहीम दश्ती बोले, काबुल हमला तालिबान की असफलता

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काबुल. अफगानिस्तान (Afghanistan) का पंजशीर प्रांत (Panjshir Province) अभी भी तालिबान (Taliban) के कब्ज़े से बाहर है. अहमद मसूद (Ahmed Masood) के नेतृत्व में नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान (NRF) तालिबान के खिलाफ डटा हुआ है. NRF के प्रवक्ता फहीम दश्ती (Faheem Dashti) ने कहा, ‘तालिबान से बातचीत चल रही है. हम चाहते हैं कि अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार हो, जिसमें वहां के सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व हो.’ दश्ती ने कहा कि अभी तालिबान से कोई युद्ध नहीं चल रहा है. तालिबान ने अभी तक पंजशीर में घुसने की कोशिश भी नहीं की है. दश्ती ने पंजशीर और तालिबान के मसले पर न्यूज18 इंडिया से विस्तार से बात की.

सवाल- पंजशीर में अभी क्या ताजा हालात हैं?
फहीम दश्तीः तालिबान से अभी तक कोई टकराव नहीं हुआ है. तालिबान ने अभी युद्ध की शुरुआत नहीं की है और ना ही हमने. हम शांति के लिए मौका देना चाहते हैं. हम तालिबान से बहुत गंभीर और विस्तार से बातचीत चाहते हैं. हम अफगान नागरिकों, अल्पसंख्यकों और मानवधिकार कार्यकर्ताओं के अधिकार सुनिश्चित करना चाहते हैं. हम चाहते हैं अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार हो. अफगान नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरों में मान्य हो. हम सिर्फ पंजशीर नहीं बल्कि पूरे अफगानिस्तान की बात कर रहे हैं.

सवालः क्या तालिबान से बातचीत चल रही है? अगर हां, तो तालिबान से कितने दौर की बातचीत हुई है?
फहीम दश्तीः हमें पहले दिन से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से संदेश मिल रहे थे. कुछ दिन बाद तालिबान ने NRF से बातचीत के लिए एक डेलिगेशन भेजा. 3 दिन पहले हमारा डेलिगेशन पंजशीर के पड़ोसी प्रांत में गया, जहां बातचीत हुई. मैं डिटेल्स साझा नहीं कर सकता. हमारी तरफ से कोई शर्त नहीं है. हमारा एक विजन है, जिसके तहत हम आगे बढ़ रहे हैं.

सवालः क्या अहमद मसूद डेलिगेशन का हिस्सा हैं?
फहीम दश्तीः बिल्कुल नहीं… दूसरे लोग डेलिगेशन का हिस्सा हैं. उनके डेलिगेशन में पूर्व अधिकारी, मंत्री और MP शामिल हैं, जबकि हमारे डेलिगेशन में NRF के अन्य लोग हैं, जो ना सिर्फ पंजशीर से हैं, बल्कि अन्य प्रांतों से भी शामिल हैं.

सवालः तालिबान की सरकार में NRF की क्या भूमिका होगी?
फहीम दश्तीः अगर बातचीत का कोई हल निकलता है तो हम ये नहीं कह सकते कि ये तालिबान की सरकार होगी. ये एक समावेशी सरकार होगी, जिसमें सभी अफगान, सभी एथनिक ग्रुप और अलग-अलग राजनीतिक लोग होंगे.

सवालः क्या तालिबान और NRF के बीच कोई टकराव हुआ है?
फहीम दश्तीः अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय मीडिया में कुछ वीडियोज देखने को मिल रहे हैं, ये सभी फर्जी वीडियो हैं. तालिबान ने पंजशीर में प्रवेश करने का प्रयास भी नहीं किया है. अभी तक तालिबान से कोई संघर्ष नहीं हुआ है.

सवालः काबुल एयरपोर्ट हमले पर क्या कहना है?
फहीम दश्तीः काबुल एयरपोर्ट पर हमला तालिबान के सुरक्षा के वादे पर बड़ा सवाल खड़े करता है. वो इसमें फेल हुए हैं. ये तालिबान की असफलता है. तालिबान ने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों पर किसी भी तरह का आतंकी हमला ना होने का भरोसा दिया था. अब सवाल ये है कि तालिबान अगर काबुल के भीतर आतंकी गतिविधि नहीं रोक सकता है तो दूसरे जगहों पर कैसे रोकेगा. इन सवालों का जवाब तालिबान के पास नहीं है.

सवालः क्या अमरुल्लाह सालेह पंजशीर में हैं और तालिबान से आपकी बातचीत में उनकी क्या भूमिका रहेगी?
फहीम दश्तीः अमरुल्लाह सालेह, कुछ मंत्री और सांसद पंजशीर में हैं. हम सबका स्टैंड एक ही है और हम साथ काम कर रहे हैं.

सवालः पंजशीर में जरूरी सेवाओं की आपूर्ति कैसी चल रही है?
फहीम दश्तीः हमें सीमित संसाधनों में कैसे प्रतिरोध करना है, इसका अनुभव है. 90 के दशक में जब हमने तालिबान, अलकायदा और उनके समर्थकों का सामना किया तो ऐसी ही समस्याएं आई थीं. हमें अनुभव है. उम्मीद है कि इस बार भी मैनेज कर लेंगे.

सवालः वैश्विक समुदाय से क्या कहना चाहेंगे?
फहीम दश्तीः हमने शांति का रास्ता चुना है. हम दुनिया से मांग करते हैं कि तालिबान पर बातचीत और निष्कर्ष का दबाव बनाए. अगर तालिबान ने ऐसा नहीं किया और हिंसा का रास्ता चुना तो हम दुनिया से मांग करते हैं कि तालिबान को मान्यता नहीं देना चाहिए.

सवालः अफगान संकट में आप पाकिस्तान की भूमिका को कैसे देखते हैं?
फहीम दश्तीः तालिबान के अलग-अलग देशों से रिश्ते हैं. ये सब जानते हैं. इससे ज़्यादा कुछ और बताने की ज़रूरत नहीं है.

सवालः तालिबान के साथ आतंकी गुट जुड़े हैं तो क्या तालिबान के लिए सरकार चलाना आसान होगा?
फहीम दश्तीः अलग-अलग ग्रुप तालिबान के साथ हैं. हम तालिबान से उम्मीद कर रहे हैं, ताकि बातचीत और शांति के जरिए अफगानिस्तान की समस्या दूर हो.

सवालः क्या तालिबान ने पंजशीर में इंटरनेट बंद कर दिया है?
फहीम दश्तीः तालिबान ने रविवार से कम्युनिकेशन बंद कर दिया है. फोन में कोई नेटवर्क नहीं है. तालिबान के इस कृत्य से आम लोग परेशान हैं. तालिबान का ये कदम गैरकानूनी है और अंतरराष्ट्रीय मूल्यों का उल्लंघन है. हमारे सामने चुनौती है और हम अलग विंडो से इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे हैं.

सवालः आपको हथियार और गोला बारूद की सप्लाई किस तरह से हो रही है?
फहीम दश्तीः हमारे पास पर्याप्त हथियार हैं और हमें अभी सप्लाई की जरूरत नहीं है.

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