उत्तराखंड

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब रीसेल फ्लैट बायर भी होंगे पजेशन पेनल्टी के हकदार

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नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. इसके तहत बिल्डर (Builder) पर पहले खरीदार (First Buyers) के जो अधिकार होते थे वही अधिकार अब दूसरे खरीदार यानी रीसेल में फ्लैट (Resale Flat Buyers) खरीदने वाले पर भी लागू होंगे. अब रीसेल फ्लैट खरीदने वाला भी बिल्डर से पजेशन पेनल्टी और अन्य मुआवजे मांगने या लेने का हकदार होगा. बता दें कि दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में 15-20 प्रतिशत बायर्स हैं, जिन्होंने रीसेल पर घर खरीदा है. देश के अलग-अलग हिस्सों में रीसेल में घर खरीदने वाले भी बीते कई सालों से पजेशन मिलने का इंतजार कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के अब ये लोग भी लाखों की पेनल्टी बिल्डर से क्लेम कर सकेंगे.

बिल्डर पर अब रीसेल फ्लैट खरीदने वाला भी पेनल्टी ठोक सकता है

बता दें कि दो साल पहले यानी 23 जुलाई 2019 के दिन ही सुप्रीम कोर्ट ने खरीदारों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने बायर्स के साथ धोखा करने वाले आम्रपाली ग्रुप के मालिकों का ग्रुप से सारे अधिकार छीन लिए थे. इससे दिल्ली-एनसीआर के 45 हजार से ज्यादा खरीदारों को राहत मिली थी. ठीक दो साल बाद एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई 2021 को फर्स्ट बायर के बराबर ही सेकंड बायर के लिए बड़ा फैसला सुनाया है.

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दिल्ली-NCR में आम्रपाली, जेपी, यूनिटेक, सुपरटेक सहित कई निर्माणाधीन प्रॉजेक्ट मिलाकर 80 से ज्यादा प्रॉजेक्ट फंसे हुए हैं..

दिल्ली-एनसीआर में इतने प्रॉजेक्ट फंसे हैं

बता दें कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली, जेपी, यूनिटेक, सुपरटेक सहित कई निर्माणाधीन प्रॉजेक्ट मिलाकर 80 से ज्यादा प्रॉजेक्ट फंसे हुए हैं. साल 2017 की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार जिले में करीब 2.5 लाख खरीदार पजेशन में देरी के चलते फंसे हुए हैं. इनमें से 15-20 प्रतिशत खरीदार रीसेल वाले हैं. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद रीसेल फ्लैट खरीदने वाले सारे बायर पजेशन पेनल्टी के लिए बिल्डर पर क्लेम कर सकते हैं.

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बायर को ये सारे फायदे होंगे

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब रीसेल बायर को कई तरह के फायदे होंगे. अब बिल्डर ट्रांसफर चार्ज लेने के दौरान सेकेंड बायर की पजेशन डेडलाइन एक-दो साल के आगे बढ़ा देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा. इसी तरह अब सेंकंड बायर को उपभोक्ता कोर्ट में चालने वाले केस में फर्स्ट बायर की तरह ही अधिकार मिलेगा. इसके साथ ही बिल्डर पर दूसरे कंपल्सेशन हैं उनमें भी बराबर के अधिकार मिलेंगे.

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