नए साल के जश्न के बीच कोविड को लेकर सरकारी तैयारियों से पर्यटकों की बुकिंग हो रही प्रभावित
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नैनीताल। शहर में नए साल के जश्न के बीच कोविड को लेकर सरकारी तैयारियों से पर्यटकों की बुकिंग प्रभावित हो रही है। जिससे ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन की तरह कमरों का फुल टैरिफ प्रभावी जैसा नहीं रह गया, अलबत्ता आफ सीजन से अधिक रेट जरूर पर्यटकों को चुकाने होंगे।
पर्यटन के इस बदले पैटर्न से कारोबारी निराश हैं। नैनीताल सहित किलबरी, पंगोट्, मंगोली क्षेत्र में करीब पांच सौ छोटे-बड़े होटल हैं। किलबरी पंगोट में ही दो दर्जन से अधिक होटल रिजार्ट हैं। कोविड लॉकडाउन के बाद इस क्षेत्र में पर्यटन बढ़ा है।
नैना देवी बर्ड रिजर्व क्षेत्र होने की वजह से यहां प्रकृति प्रेमी व बर्ड वॉचरों की पहली पसंद बन रहा है। कालाढूंगी रोड में मंगोली से घटगढ़ तक जंगल से घिरे रिजार्ट पर्यटकों को खूब पसंद आ रहे हैं। नैनीताल में नए साल पर बड़े होटलों में 12 हजार से 50 हजार तक होटलों में कमरे मिलते रहे हैं, जबकि छोटे होटलों में आफ सीजन में एक हजार से लेकर दस हजार तक के हैं, जबकि नए साल व पर्यटन सीजन यहां टैरिफ तीन हजार से शुरू हो जाता है।
इस बार नए साल पर होटल कारोबारियों को उम्मीद थी कि फुल टैरिफ की एडवांस बुकिंग हो जाएगी, लेकिन ऐसी इन्क्वायरी बेहद कम आ रही है। होटलों की एडवांस बुकिंग निरस्त भी हो रही हैं। इसके साथ ही पैकेज के रेट में भी गिरावट आई है।
माल रोड के होटल संचालक राज कुंवर के अनुसार पार्किंग को लेकर सख्ती, कोविड की फिर आहट के बाद एडवांस बुकिंग फुल टैरिफ में नहीं आ रही है। आफ सीजन के रेट में भी कमरों की उपलब्धता है। नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट ने भी माना कि इस बार फुल टैरिफ में बुकिंग कम आ रही है।
सरोवर नगरी में फिलहाल बर्फबारी के आसार नहीं हैं, लेकिन पारा दिनोंदिन गिरने लगा है, जो सोमवार को 13.9 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा है। नगर में धूप पूरे दिन रही, लेकिन सर्द हवाओं ने पीछा नहीं छोड़ा। जिस कारण ठंड का आलम बरकरार रहा। ठंड के चलते लोग गर्म कपड़ों के साथ टोपी मफलर में लिपटे नजर आए।
शाम को पाला गिरना शुरू हो गया। लोगों को हीटर व अंगीठी का सहारा लेने को मजबूर होना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार नैनीताल में बादलों का आना जाना बना रहेगा। जीआइसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार नगर में न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। आद्रता अधिकतम 75 व न्यूनतम 45 फीसद दर्ज की गई।
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