चीन के साथ तनाव के कारण चुनौतियों से भरा रहा सेना का बीता साल: जनरल एमएम नरवणे
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नई दिल्ली. थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (General Manoj Mukund Naravane) ने शनिवार को बताया कि LOC पर स्थिति पहले से बेहतर हुई है. इस दौरान उन्होंने हाल ही में संपन्न हुई चीन (China) के साथ 14वें दौर की वार्ता के बारे में भी जानकारी दी. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है. सेना दिवस के मौके पर जनरल नरवणे ने दिल्ली कैंट स्थित परेड ग्राउंड में परेड का निरीक्षण किया. सेना प्रमुख ने यूनिट प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार प्रदान किए.
शनिवार को जनरल नरवणे ने कहा, ‘चीन के साथ तनाव के चलते बीता साल सेना के लिए चुनौती भरा रहा. और हालात को नियंत्रण में रखने के लिए हाल ही में 14वीं बैठक हुई है. कई बिंदुओं पर डिसइंगेजमेंट हुआ है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘बीते साल की तुलना में LOC पर हालात बेहतर हैं, लेकिन पाकिस्तान अभी भी सीमा के पास आतंकियों को ठिकाना दे रहा है. करीब 300-400 आतंकी भारत में घुसपैठ के लिए इंतजार कर रहे हैं.’ उन्होंने आगे जानकारी दी कि आतंकवाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में कुल 144 आतंकियों को मारा गया है.
सेना को मिली नई वर्दी
74वें सेना दिवस के मौक पर भारतीय सेना को नई वर्दी मिली है. सेना के पैराशूट रेजिमेंट कमांडोस ने आर्मी डे परेड के दौरान नई डिजिटल कॉम्बैट यूनिफॉर्म पहनकर मार्च किया. यह पहला मौका था जब दुनिया ने भारतीय सैनिकों की नई वर्दी को देखा. खबर है कि सेना के जवानों को नई वर्दी का वितरण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा. लंबी प्रक्रिया के बाद नई कॉम्बैट यूनिफॉर्म को सेना में जगह मिली.
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जनरल नरवणे ने सेना दिवस की पूर्वसंध्या पर अपने भाषण में कहा था, ‘हम अपनी सीमाओं पर यथास्थिति को एकपक्षीय तरीके से बदलने के किसी भी प्रयास का मुकाबला करने के लिए दृढ़ता से खड़े हैं. इस तरह के प्रयासों पर हमारा जवाब त्वरित, समन्वित और निर्णायक होता है.’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए देश की सीमाओं पर और अंदर दोनों जगह संस्थागत प्रणालियों और सुरक्षा मानकों को मजबूत किया गया है. उन्होंने कहा कि ये प्रणालियां और सुरक्षा मानक हिंसा के स्तर को कम करने में प्रभावी साबित हुए हैं.
सेना प्रमुख ने कहा, ‘हमारी कार्रवाइयों ने आतंकवाद के स्रोत पर हमला करने की हमारी क्षमता तथा दृढ़ इच्छाशक्ति प्रदर्शित की है.’ जनरल नरवणे ने कहा कि भारतीय थल सेना ने बीते वर्ष में अपनी जिम्मेदारियों को दृढ़ता से निभाया है और देश की सुरक्षा एवं क्षेत्रीय अखंडता के संरक्षण के लिए अडिग रही. उन्होंने कहा कि भारत की सक्रिय सीमाओं की पहरेदारी दृढ़संकल्प के साथ की जाती है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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