उत्तराखंड

त्रिपुरा में मिले एनीमिया के करीब 1800 केस, 1 जुलाई से बड़े पैमाने पर शुरू है टेस्टिंग

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अगरतल्ला. त्रिपुरा में एक जुलाई से लेकर अगले आठ दिनों तक 4,429 लोगों की जांच के बाद एनीमिया के 1,799 मामलों का पता चला है. एक स्वास्थ्य अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. एनीमिया के मामलों में 55 गंभीर, 710 मध्यम, शेष 1034 हल्के थे. नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार राज्य में एनीमिया के मामलों में वृद्धि पर चिंता के बाद राज्य ने 1 जुलाई से राज्य भर में बड़े पैमाने पर एनीमिया परीक्षण शुरू कर दिया है.

एनीमिया मुक्त त्रिपुरा अभियान के राज्य नोडल अधिकारी डॉ मौसमी सरकार ने कहा, ‘एनएफएचएस4 की रिपोर्ट के अनुसार, त्रिपुरा में लगभग 50 प्रतिशत एनीमिया के मामले थे. जैसा कि नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण रिपोर्ट में दिखाया गया है, यह मामला 67 प्रतिशत तक बढ़ने के बाद चिंता का विषय बन गया है. इसलिए, हमने 1 जुलाई से पूरे राज्य में एनीमिया परीक्षण की पहल शुरू की है और यह जारी रहेगा. लोग भी सहयोग कर रहे हैं.’

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे एनीमिया परीक्षण करने के लिए दो तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. एक है साहिल का तरीका और दूसरा है डिजिटल एचबी तरीका. कुल 4429 परीक्षणों में से 2905 लोगों के नमूनों का परीक्षण साहिल की विधि से किया गया, जबकि शेष 2006 लोगों का परीक्षण डिजिटल एचबी पद्धति के अनुसार किया गया. उन्होंने कहा, ‘परीक्षण की गति बढ़ाने के लिए, हमने डिजिटल हीमोग्लोबिनोमीटर तैयार किया है.’

पश्चिम जिले में 768 एनीमिया रोगी हैं, जो राज्य के अन्य सात जिलों में सबसे अधिक है, हालांकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, उनाकोटी जिले में एनीमिया के रोगियों का अनुपात सबसे अधिक है. अधिकारी ने कहा कि उन्होंने नोडल अधिकारियों और प्रयोगशाला तकनीशियनों का जिला स्तरीय प्रशिक्षण पूरा कर लिया है. हालांकि, सभी चिकित्सा अधिकारियों, बहुउद्देशीय कार्यकर्ताओं और आशा के लिए सुविधा-स्तरीय प्रशिक्षण अभी पूरा किया जाना बाकी है.

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