असम सरकार का बड़ा फैसला, डिटेंशन सेंटर को अब कहा जाएगा ट्रांजिट कैंप
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नई दिल्ली. असम में बनाए गए डिटेंशन सेंटर्स (Detention Centre) को नया नाम दिया जा रहा है. गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि डिटेंशन केंद्रों का नाम बदलकर अब इन्हें ‘ट्रांसिट कैम्प’ कहा जाएगा. राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. 17 अगस्त को असम के गृह और राजनीतिक विभाग के प्रमुख सचिव नीरज वर्मा द्वारा हस्ताक्षरित एक अधिसूचना में कहा गया है कि ‘डिटेंशन सेंटर का नाम बदलकर ट्रांजिट कैंप’ कर दिया गया है.
असम के गोआलपाड़ा, कोकराझार, तेजपुर, जोरहाट, डिब्रूगढ़ और सिलचर जिलों में छह डिटेंशन सेंटर हैं, जहां घोषित या दोषी साबित किए जा चुके विदेशी नागरिकों को रखा जाता है. इन्हें राज्य सरकार द्वारा साल 2009 में अस्थायी रूप से अधिसूचित किया गया था.
इस डिटेंशन सेंटर के बारे में जानकारी देते हुए हिमंत विस्वा सरमा ने बताया कि छह केंद्रों में 181 बंदी हैं. 181 में से 61 घोषित विदेशी हैं और 120 दोषी विदेशी हैं. हिमंत सरमा ने अपने जवाब में स्पष्ट किया कि वह विदेशी नागरिक जो अवैध रूप से भारत में प्रवेश करता है और अदालत द्वारा दोषी ठहराया जाता है. जबकि एक घोषित विदेशी वह होता है, जिसे एक बार भारतीय नागरिक माना जाता था, लेकिन फिर विदेशी ट्रिब्यूनल द्वारा विदेशी घोषित किया जाता था.
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