उत्तराखंड

अधिकारियों को क्लैट-2021 के लिए छात्रों के टीका लगे होने पर जोर नहीं देना चाहिए: न्यायालय

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नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि अधिकारियों को इस बात पर जोर नहीं देना चाहिए कि संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (क्लैट)-2021 में शामिल होने वाले छात्रों ने कोविड-19रोधी टीका लगवाया हो. न्यायालय ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि वह इस चरण में परीक्षा को स्थगित नहीं कर सकता.

उच्चतम न्यायालय ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि परीक्षा केन्द्रों में परीक्षकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाए जाएं. क्लैट भारत में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (एनएलयूएस) में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है.

शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के समूह द्वारा जारी 14 जून की अधिसूचना जिसमें स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों पाठ्यक्रमों के लिए क्लैट-2021 की तारीख तय की गई थी,को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर यह आदेश जारी किया.

न्यायाधीश एल एन राव और न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा,‘‘ परीक्षा 23 जुलाई 2021 को होना निर्धारित किया गया है. हम इस चरण में परीक्षा को स्थगित करने को उचित नहीं मानते. हालांकि हम याचिकाकर्ताओं के वकील की दलीलों में बल पाते हैं कि परीक्षा लेने के दौरान परीक्षार्थियों के स्वास्थ्य के लिए परीक्षा केंद्रों पर सभी सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए.’’

पीठ ने अपने अपने आदेश में कहा,‘‘ संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि परीक्षा केन्द्रों में परीक्षकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाए जाएं. संबंधित अधिकारियों को इस बात पर जोर नहीं देना चाहिए कि संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (क्लैट)-2021 में शामिल होने वाले छात्रों ने कोविड-19रोधी टीका लगवाया हो.’’

इसके साथ ही न्यायालय ने याचिकाओं का निपटारा कर दिया.

(Disclaimer: यह खबर सीधे सिंडीकेट फीड से पब्लिश हुई है. इसे News18Hindi टीम ने संपादित नहीं किया है.)

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