उत्तराखंड

आजम खान के बेटे अब्दुल्ला का बड़ा बयान, बोले- मुझे मारने की रची जा रही साजिश, जानें किस पर लगाया आरोप

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रामपुर. यूपी विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) के दौरान आजम परिवार सुर्खियों में है. रामपुर के सांसद आजम खान (Azam Khan) और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान (Abdullah Azam Khan) ने आज यानी रविवार को बड़ा बयान दिया है. उन्‍होंने कहा कि मेरा पीछा किया जा रहा है, मुझे फर्जी मुकद्दमें में जेल भेजने की साजिश की जा रही है. भाजपा के रामपुर और स्‍वार विधानसभा के प्रत्‍याशी मेरे साथ किसी तरीके की हिंसा या सड़क दुर्घटना करवाकर मुझे मारने की साजिश रच रहे हैं.

इससे एक दिन पहले अब्दुल्ला आजम खान ने कहा था कि मुझे अपनी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों पर भरोसा नहीं है. क्‍या पता वह किसी चीज में रख दें या फिर मुझे गोली मार दें. साथ ही कहा था कि मुझे ऊपर वाले और अपने साथ चलने वाले लोगों पर भरोसा है. वहीं, अब्दुल्ला ने कहा था कि सरकार ने पुलिस वाले मेरी रेकी के लिए लगाएं, ताकि पता चलता रहे है कि मैं क्‍या कर रहा हूं या फिर कहां जा रहा हूं.

आजम और अब्दुल्ला का नामांकन मंजूर
जेल में बंद आजम खान और उनके बेटे को इस बार नामांकन खारिज होने का डर सता रहा था, लेकिन स्क्रूटनी के बाद न सिर्फ आजम बल्कि उनके बेटे का भी नामांकन सही पाया गया है.इसके साथ साफ हो गया है कि दोनों विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर हुंकार भरेंगे. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने आजम खान को रामपुर सीट से, तो अब्दुल्ला को एक बार फिर स्‍वार विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है.

बता दें कि इस बार आजम खान जेल से चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला रामपुर के नवाब काजिम अली खान से होगा. रामपुर के नवाब को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है. यही नहीं, नवाब परिवार और आजम परिवार की काफी लंबे समय से अदावत चली आ रही है. इसके अलावा स्‍वार सीट पर अब्दुल्ला आजम खान का मुकाबला नवाब काजिम अली खान के बेटे और भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) के प्रत्‍याशी हैदर अली खान से होगा. बता दें कि हैदर के पिता की शिकायत के बाद ही अब्दुल्ला का विधायक पद गलत बर्थ सर्टिफिकेट देने के कारण चल गया था. दरअसल, काजिम पिछली बार बसपा के टिकट पर स्‍वार से लड़े थे और उन्‍हें अब्दुल्ला के सामने हार का सामना करना पड़ा था. यही नहीं, आजम को रामपुर में नवाब काजिम अली खान के अलावा भाजपा के आकाश सक्सेना भी घेर रहे हैं. बता दें कि सक्सेना परिवार की आजम खान से सियासी अदावत बहुत पुरानी है.

आजम परिवार को घेर रही हैं रामपुर के नवाब की दो पीढ़ियां
पहले तो सिर्फ रामपुर सीट पर आजम खान का ही वर्चस्व था, लेकिन 2017 के चुनाव में जिले की स्वार सीट पर भी उन्‍होंने अपनी दमदारी साबित कर दी थी. स्वार से आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम बड़े मार्जिन से चुनाव जीते थे. अब्दुल्ला ने नवाब काजिम अली खान को पटखनी दी थी. खान वर्ष 2002 से लगातार यहां से विधायक रहे थे. अब्दुल्ला के हाथों शिकस्त मिलने के बाद अब नवाब काजिम अली उर्फ नावेद मियां उसकी कसर रामपुर में आजम खान से निकालने को बेताब हैं. वे रामपुर से कभी नहीं लड़े, लेकिन इस बार कांग्रेस से ताल ठोक रहे हैं.

सक्सेना खानदान की कैसी बिसात
सक्सेना परिवार की आजम खान से सियासी अदावत बहुत पुरानी है. शिवबहादुर सक्सेना जिले में भाजपा के पहले झंडाबरदार थे. आजम खान जब रामपुर से पहली बार लड़े थे तब भाजपा से शिवबहादुर सक्सेना ने ही टक्कर दी थी. जब लगातार हार मिली तो सीट बदलकर वे स्वार टांडा चले गए. वहां से चार बार 1989, 1991, 1993 और 1996 में भाजपा के विधायक चुने गए. इस पुराने भाजपाई की जीत का रथ नवाब काजिम अली खान ने 2002 में रोक दिया. अब शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना रामपुर में आजम खान को चुनौती दे रहे हैं. उन्हें भाजपा ने लड़ाया है. आकाश सक्सेना ने आजम खान के खिलाफ 33 मुकदमें दर्ज कराए हैं.

2017 में रामपुर से आजम खान की पत्नी तंज़ीन फातिमा सपा से विधायक चुनी गई थीं. वहीं, अब्दुल्ला स्वार से सपा से ही विधायक चुने गए थे, लेकिन फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के मामले में उनकी विधायकी रद्द हो गई थी. इसी फर्जीवाड़े में तीनों को जेल भी हुई थी. इस मामले में तंज़ीन फातिमा और अब्दुल्ला को तो जमानत मिल गई है, लेकिन आजम खान अभी भी सीतापुर जेल में बंद हैं.

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Tags: Abdullah Azam, Azam Khan, Uttar Pradesh Assembly Elections, Uttar Pradesh Elections

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