उत्तराखंड

बहिबल कलां गोलीकांडः लोगों को याद आया सिद्धू का ‘वादा’, चन्नी के CM चुने जाते ही पूछा- ‘क्या अब बादल पिता-पुत्र होंगे गिरफ्तार’

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नई दिल्लीः पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के इस्तीफे और चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को नया सीएम बनाए जाने के फैसले के बाद एक बार फिर कांग्रेस के आगे चुनाव से पहले की चुनौती आ खड़ी हो गई है. 2015 में फरीदकोट के बहिबल कलां में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के विरोध में पुलिस फायरिंग में शहीद हुए कृष्ण भगवान सिंह के भाई रेशम सिंह का कहना है कि उन्हें अब इंसाफ की कोई खास उम्मीद नहीं है. रेशम सिंह कहते हैं- ‘4.5 साल में हमें किसी ने इंसाफ नहीं दिया…पांच महीने से भी कम समय में अब वे क्या करेंगे? पहले उन्हें अपने झगड़े खुद सुलझाने दें, फिर हमारी चिंता करें.’

फायरिंग में अपने परिजनों को खोने वाले दो परिवारों को न्याय दिलाना और 2015 की बेअदबी के मामलों के ‘असली दोषियों’ को गिरफ्तार करना बड़ा मुद्दा था, जिस पर नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने. अब एक दलित सिख नेता और मालवा क्षेत्र से सिद्धू के मुख्य समर्थक चरणजीत सिंह चन्नी को कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया है. पंजाब में इस बड़े चुनावी मुद्दे पर अमल करना अगले पांच महीनों में चन्नी-सिद्धू गठबंधन की सबसे बड़ी चुनौती होगी.

चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा के बाद रेशम सिंह के पिता मोहिंदर सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर बादल को गिरफ्तार करने की मांग उठाई है. News18 से बातचीत में 71 वर्षीय मोहिंदर सिंह ने कहा कि – ‘गोलीबारी के लिए बादल पिता और पुत्र जिम्मेदार थे, लेकिन वे आज भी मुक्त हैं. सुखबीर बादल उन दिनों गृह मंत्री थे और सुमेध सिंह सैनी डीजीपी थे. क्या अब उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा?”

वहीं, रेशम सिंह याद करते हैं कि सिद्धू कुछ साल पहले उनसे मिलने गए थे जब वह मंत्री थे, लेकिन अमरिंदर सिंह ने कभी सीएम के रूप में उनके परिवार से मुलाकात नहीं की. वह कहते हैं- “उन्होंने हमारे पवित्र ग्रंथ को हाथ में लेकर वादा किया, लेकिन उसे पूरा नहीं किया. वे अभी भी आपस में इतनी कटुता से लड़ रहे हैं – हमें सरकार में कोई विश्वास नहीं बचा है. इन हत्याओं की जांच के लिए कुछ महीने पहले आईजी नौनिहाल सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया था. इसने हमसे संपर्क भी नहीं किया है.”

‘लेकिन, नवजोत सिंह सिद्धू अपनी मांग पर अड़े रहे हैं कि इन मामलों में बादल परिवार को सजा दी जाए. प्रताप सिंह बाजवा जैसे अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी पहले मांग की थी कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एसआईटी बादल पिता-पुत्र के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करे. पूर्व पीसीसी प्रमुख सुनील जाखड़ ने कहा है कि पंजाब चुनाव जीतने का रास्ता “बेहबल कलां” से होकर जाता है.’

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