उत्तराखंड

Ban Cryptocurrencies: प्रियंका चतुर्वेदी से पूछा- क्रिप्टोकरेंसी में कितना पैसा लगाया, ट्रोलर्स को मिला ऐसा करारा जवाब

[ad_1]

नई दिल्‍ली.  क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrencies) पर सरकार के प्रस्तावित प्रतिबंध के खिलाफ अपनी चिंता व्यक्‍त करते ही शिव सेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ट्विटर पर ट्रोल हुईं, लेकिन उन्‍होंने इसका करारा जवाब दिया कि वे लाखों निवेशकों के लिए बोल रही हैं क्योंकि वह क्रिप्टोकरेंसी पर ब्‍लैंकेट बैन (blanket ban) की आलोचना करती हैं और इसके बजाय कुछ नियमों का स्वागत करती हैं. कई यूजर्स ने प्रियंका के पहले किए गए ट्वीट की ओर इशारा करते हुए पूछा कि इस पर क्‍या कहेंगी. दरअसल प्रियंका चतुर्वेदी ने कुछ समय पहले खेद व्‍यक्‍त करते हुए लिखा था कि भारत में क्रिप्‍टोकरेंसी पर कोई नियामक ढांचा या रोडमैप नहीं है. कुछ यूजर्स ने पूछा कि क्‍या आपने सारी बचत क्रिप्‍टो में लगा दी है. अपने ट्रोर्ल्‍स को जवाब देते हुए प्रियंका ने कहा कि नहीं, एक रुपए का भी निवेश नहीं किया है. मैं लाखों निवेशकों के लिए बोल रही हूं, मैं भारत सरकार के लिए नहीं बोलती. उन्‍होंने लिखा कि रोडमैप या नियामक ढांचे के लिए पूछना, प्रतिबंध लगाने के समान नहीं है.

क्रिप्टोकरेंसी के लिए सरकार 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने वाला विधेयक संसद में पेश करेगी. शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 समेत कुल 26 विधेयक पेश किए जाएंगे. लिस्ट में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा बिल 10वें नंबर पर है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी के 1.5 से 2 करोड़ यूजर हैं. इस बिल के कानून बनने से ये सभी यूजर प्रभावित हो सकते हैं. विशेषज्ञों ने कहा है कि बिल में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (Ban Private Cryptocurrencies) पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है. वहीं, यह भी रिपोर्ट किया गया है, कि यह बिल एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा बनाने का प्रयास करता है जिसे भारतीय रिजर्व बैंक करने का इरादा रखता है.

शिव सेना नेता प्रियंका ने मंगलवार को ट्वीट किया था कि ‘अगर सच है, तो यह आपदा के लिए एक नुस्खा है जिसकी भारत को आवश्यकता नहीं है. सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना मूल रूप से स्‍पेस को खत्म कर रहा है. यह नए जमाने के फिन टेक के लिए एक लूट जैसा है, ताकि माहौल बनाया जा सके. हालांकि हम भारत सरकार से किसी बेहतर की उम्‍मीद नहीं कर सकते है.

उन्‍होंने आरबीआई के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव की राय का हवाला देते हुए कहा कि आरबीआई के पूर्व गवर्नर भी मुद्रा को विनियमित करने के पक्ष में हैं, प्रतिबंध लगाने के नहीं. उन्‍होंने लिखा कि इसे कानूनी निविदा के रूप में नहीं बल्कि संपत्ति वर्ग के रूप में मान्यता दें – जैसे कि जापान, सिंगापुर और ब्रिटेन ने दी है. लेकिन नहीं, भारत सरकार को अच्छी सलाह से एलर्जी है. इसके बाद, सोशल मीडिया पर उन पर हमला किया गया, जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि उनकी चिंता व्यक्तिगत नहीं है क्योंकि उन्होंने क्रिप्टो में कोई पैसा नहीं लगाया है.

Tags: Crypto currency, Cryptocurrency



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *