बंगाल: शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने राज्यपाल पर साधा निशाना, बोले- ममता बनर्जी को सारे यूनिवर्सिटी का चांसलर बनाने पर लेंगे कानूनी राय
[ad_1]
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में एक बार फिर से राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Governor Jagdeep Dhankhar) और ममता बनर्जी ( Mamata Banerje) की सरकार आमने सामने है. इस बार मुद्दा है प्राइवेट यूनिवर्सिटी के चांसलर और वाइस चांसलर की बैठक. दरअसल धनकड़ ने शुक्रवार को यूनिवर्सिटी के प्रमुखों की एक बैठक बुलाई थी. लेकिन इस बैठक के लिए कोई भी प्रमुख नहीं पहुंचे. इसके बाद धनकड़ ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि बंगाल में शिक्षा को लेकर हालात चिंताजनक है. उनके इस वीडियो के कुछ ही घंटे बाद बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ( Bratya Basu) ने कहा कि वो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य के सभी यूनिवर्सिटी के चांसलर नियुक्त करने पर कानूनी राय ली जाएगी.
ब्रत्य बसु ने उन्होंने दावा किया कि शिक्षाविदों को राज्य सरकार द्वारा धमकाया गया है. पश्चिम बंगाल में कार्यभार संभालने के बाद से उनकी भिड़ंत राज्य सरकार के साथ जारी है. बसु ने ट्विटर पर कहा, ‘ये आत्मनिरीक्षण करने का सही समय है कि क्या हमें राज्यपाल की औपनिवेशिक विरासत को केवल उनके पद के आधार पर विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में जारी रखना चाहिए या हमें प्रतिष्ठित विद्वानों और शिक्षाविदों को कुलाधिपति के रूप में नामित करना चाहिए.’
ममता बने अंतरिम चांसलर
इससे पहले दिन में बसु ने एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार धनखड़ को राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद से हटाने के लिए संवैधानिक और कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तब तक के लिए अंतरिम चांसलर बनाया जाना चाहिए, जब तक कि किसी को कुलाधिपति पद के लिए चयनित नहीं किया जाता.
राज्यपाल पर निशाना
बसु ने कहा कि राज्यपाल का काम ट्वीट करना और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना रह गया है. उन्होंने कहा, ‘ वे राज्यपाल का काम भूल रहे हैं. वे ट्वीट भेजने में व्यस्त हैं. राज्य के किसी पूर्व राज्यपाल ने ऐसा व्यवहार नहीं किया है. अगर केरल के राज्यपाल के बयान उस राज्य के लिए लागू होते हैं, तो यह संघीय ढांचे के तहत सभी बंगाल विश्वविद्यालय राज्यों के लिए लागू हो सकता है.
धनखड़ की नाराज़गी
बता दें कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को राजभवन में उनके द्वारा बुलाई गई बैठक में राज्य के निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपतियों और कुलपतियों के शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताई. धनखड़ ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि निजी विश्वविद्यालयों के 11 कुलपति और कुलाधिपति राज्यपाल के साथ एक बैठक में शामिल होने के लिए नहीं आए. इसी तरह की स्थिति जनवरी, 2020 में भी पैदा हुई थी, जब राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को आमंत्रित किया गया था.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
[ad_2]
Source link