उत्तराखंड

भगवान शंकर को समर्पित है ऋषिकेश का भूतनाथ मंदिर, यहां रुकी थी भोलेनाथ की बारात

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ऋषिकेश के स्वर्गाश्रम क्षेत्र में जंगलों के बीच स्थित भूतनाथ मंदिर (Bhootnath Temple Rishikesh) भगवान शंकर को समर्पित है. जब भोलेनाथ माता सती से विवाह करने बारात लेकर हरिद्वार के लिए निकले थे, तो वह अपनी बारात में शामिल सभी देवताओं और भूत-प्रेतों के साथ इसी मणिकूट पर्वत पर रुके थे. 1952 में स्वामी कैलाशानंद मिशन ट्रस्ट ने इसी स्थान पर भूतनाथ मंदिर का निर्माण कराया.

भूतनाथ मंदिर 7 मंजिला है और यह तीन तरफ से राजा जी नेशनल पार्क (Rajaji National Park) से घिरा हुआ है. इस मंदिर से हरियाली के साथ-साथ पूरा शहर दिखाई देता है, जो यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है.

मंदिर के हर एक मंजिल में नंदी, हनुमान और भगवान शिव से जुड़े देवी-देवताओं को दर्शाया गया है. सातवीं मंजिल पर चित्रों के माध्यम से भगवान शिव की भूतों की बारात को भी दर्शाया गया है.

बताते हैं कि जब राम रावण युद्ध के समय लक्ष्मण को शक्ति बाण लगा था और वह मूर्छित हो गए थे, तो हनुमान जी इसी पर्वत से संजीवनी बूटी लेकर गए थे.

मंदिर के पुजारी अनिल सिलस्वाल ने बताया कि भगवान शंकर जब अपनी बारात के साथ यहां रुके थे, तो सती से विवाह करने हरिद्वार जाने से पहले भोलेनाथ ने सभी भूतों को इसी पर्वत पर छोड़ा था.

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