रिसर्च में बड़ा खुलासा, कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी है भारत बॉयोटेक की वैक्सीन
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हैदराबाद: कोरोना संकट के बीच तेजी से वैक्सीनेशन प्रोग्राम (Corona Vaccination) पूरे देश में जारी है. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा बायोरक्सिव में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार भारत बायोटेक (Bharat Biotech) का कोविड-19 टीका कोवैक्सीन (बीबीवी152) कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस (एवाई.1) (Delta Plus Variant) स्वरूप के खिलाफ काफी प्रभावी है. कोरोना काल में यह बड़ी राहत देने वाली खबर है.
पूरी दुनिया इस समय कोरोना की गिरफ्त में है और वायरस लगातार स्वरूप बदल रहा है. विश्व भर में कोरोना के कई वैरिएंट सामने आ चुके हैं. इसमें से सबसे घात वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट को माना गया है. कोविड की दूसरी लहर के दौरान पूरी दुनिया ने कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के घातक प्रभाव को देखा है. इस वैरिएंट के कारण भारत में हजारों की संख्या में अप्रैल-मई महीने में लोगों की जान गई.
अध्ययन में कहा गया है कि आईजीजी एंटीबॉडी का मूल्यांकन किया गया है. इसमें बीबीवी 152 टीके की पूर्ण खुराक वाले व्यक्तियों में कोविड-19 की आशंका को खत्म कर दिया है. इसमें डेल्टा, डेल्टा एवाई.1 और बी.1.617.3 के खिलाफ बीबीवी152 टीकों का मूल्यांकन किया गया.
इस वजह से आई दूसरी लहर
सार्स-सीओवी-2 स्वरूप बी.1.617.2 (डेल्टा) स्वरूप के हाल में सामने आने के बाद इसके तेजी से फैलने के कारण भारत में दूसरी लहर आई है. कोवैक्सीन की प्रभावशीलता डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत है.
इसके बाद, डेल्टा आगे डेल्टा एवाई.1, एवाई.2, और एवाई.3 में बदल गया. अध्ययन में कहा गया है कि इनमें से एवाई.1 स्वरूप का पहली बार भारत में अप्रैल 2021 में पता चला था और बाद में 20 अन्य देशों में भी इसके मामले सामने आये.
भारत बायोटेक ने तीन जुलाई को चरण तीन परीक्षणों से कोवैक्सीन प्रभावकारिता के अंतिम विश्लेषण को पूरा करते हुए कहा था कि कोवैक्सीन की कोविड-19 के खिलाफ प्रभावशीलता 77.8 प्रतिशत और बी.1.617.2 डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत रही थी.
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