उत्तराखंड

NEET Exam: परीक्षा से पहले राजस्थान में धांधली कराने वाले गिरोह का बड़ा खुलासा, 10 आरोपी गिरफ्तार

[ad_1]

जयपुर. देशभर में आज आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्तर की मेडिकल नीट परीक्षा (NEET Exam) की परीक्षा से एक दिन पहले जयपुर की प्रतापनगर थाना पुलिस ने इस परीक्षा में धांधली कराने वाले गिरोह (Rigging gang) का खुलासा कर 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह असली परीक्षार्थियों की जगह नकली परीक्षार्थियों को परीक्षा में बैठाने का कार्य करने की फिराक में था. इसके लिये परीक्षार्थियों से लाखों रुपये लिये जाने थे. वहीं नकली परीक्षार्थियों को लाखों रुपये दिये जाने थे. पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर इस मामले में 10 लोगों को धरदबोचा है. यह परीक्षा आज दोपहर 2 बजे से होनी है.
जानकारी के अनुसार पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली थी कि अनिल निमावत और शार्दुल नाम के लड़के मेडिकल की नीट की परीक्षा में असल परीक्षार्थियों की जगह दूसरे लड़कों को पैसे लेकर परीक्षा में बैठाने का कार्य करने की तैयारी कर रहे हैं. इस पर अनिल कुमार निमावत का मोबाइल नंबर चैक किया गया. उसके मोबाइल की व्हाट्सअप चैटिंग में कई लड़कों की फोटो, आधार कार्ड और परीक्षा देने के देने की एवज में रुपयों के लेन देन की चैट की मिली. मोबाइल में 15 नामों की एक सूची और बैंक अकाउंट की डिटेल के बारे में भी चैटिंग मिली.

एक्सपर्ट लड़कों से नीट का एग्जाम दिलवाते हैं
चैटिंग के बारे में अनिल निमावत और शार्दुल शर्मा से कड़ाई से पूछताछ की गई. इसमें अनिल निमावत ने बताया कि वह हरीश नाम के व्यक्ति के साथ मिलकर एक्सपर्ट लड़कों से नीट का एग्जाम दिलवाते हैं. ये वो लड़के हैं जो पूर्व में एमबीबीएस के लिये टेस्ट देकर पास होकर एमबीबीएस कर रहे हैं. उनको लाखों रुपये देने का लालच देकर नीट की परीक्षा देने वाले असल अभ्यार्थियों के एडमिट कार्ड में फोटो की एडिटिंग कर असली परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा दिलवायी जाती है.

यूं बिछाते हैं पूरा जाल
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि सभी लड़कों को अनिल निमावत और हरीश ने आरयूएचएस में थर्ड ईयर के सीनियर राकेश कुमार के मार्फत रुपयों का लालच देकर नीट के असल परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा देने के लिये भेजा है. गिरोह का सरगना अनिल निमावत और शार्दुल शर्मा अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर आरयूएचएस मेडिकल कॉलेज जयपुर के ऐसे मेडिकल स्टूडेन्टस को जो आर्थिक रूप से कमजोर हो उनके साथ उन्हीं की कॉलेज के एक सीनियर के मार्फत पहले दोस्ती करते हैं.

चार लाख रुपये से आठ-नौ लाख रुपये तक का भुगतान दिया जाना था
बाद में उनकी समय समय पर उनकी आर्थिक मदद करते हैं. उसके बाद उन छात्रों को 7-8 लाख रुपये का आश्वासन देकर उन्हें अन्य असल अभ्यर्थियों की जगह नीट की परीक्षा देने के लिए तैयार कर लिया जाता है. फर्जी परिक्षार्थियों को नीट मेडिकल परीक्षा में रैंक के आधार पर चार लाख रुपये से आठ-नौ लाख रुपये तक का भुगतान किया जाना तय हुआ था.

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *