उत्तराखंड

राजस्थान के किसानों को बड़ी राहत: अब नहीं काटने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर, ‘राज किसान साथी पोर्टल’ लॉन्च

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जयुपर. राजस्थान के किसानों (Farmers) के लिये बड़ी राहतभरी खबर आई है. उन्हें जल्द ही अपने कार्यों के लिये सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से निजात मिल जायेगी. इसके लिये गहलोत सरकार की ओर से उनके लिये ‘राज किसान साथी पोर्टल’ (Raj Kisan Saathi Portal) लॉन्च किया गया है. इसमें खेती की डिजिटल तकनीक को बढ़ावा मिलेगा. ईज ऑफ डूईंग फार्मिंग के रूप में विकसित इस पोर्टल के जरिये किसानों के अब ज्यादातर काम ऑनलाइन हो सकेंगे. प्रोजेक्ट के तहत कृषि और सम्बन्धित विभागों के कुल 144 मॉड्यूल्स विकसित किए जाएंगे. इनमें से 46 तैयार किए जा चुके हैं और करीब 50 प्रक्रिया में हैं. पोर्टल के जरिए आवेदन से लेकर भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी.

राजस्थान सरकार की ओर से हाल ही में लॉन्च किये गये राज किसान साथी पोर्टल से किसानों को योजनाओं की जानकारी और आवेदन की सुविधा एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध मिलेगी. इस पोर्टल के जरिए आवेदन की प्रकिया को सरल, सुगम और पेपरलैस बनाया गया है. कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश के मुताबिक यह एक क्रान्तिकारी परिवर्तन साबित होगा. अब तक किसानों को ना केवल फाइल जमा करवाने दफ्तर जाना पड़ता था बल्कि उसका पता लगाने के लिए भी चक्कर काटने पड़ते थे. लेकिन अब फाइल के मूवमेंट पर ऑनलाइन निगरानी रखी जा सकेगी. अब तक पोर्टल पर 2 लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त भी हो चुके हैं. इनमें से करीब 40 हजार का निस्तारण भी हो चुका है.

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इसे ई-धरती पोर्टल से भी जोड़ा जाएगा
अभी कृषि विभाग की 6 योजनाओं और लाइसेंस की प्रक्रिया को पोर्टल से जोड़ा जा चुका है. इसके साथ ही उद्यानिकी विभाग की 8 योजनाएं और कृषि विपणन विभाग की दो योजनाएं भी इससे जोड़ी गई हैं. धीरे-धीरे इसका दायरा बढाया जाएगा और कृषि के साथ ही दूसरे सम्बन्धित विभाग भी इससे जोड़े जाएंगे. किसान अपने जन आधार कार्ड के माध्यम से पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं और इसमें संशोधन भी किया जा सकता है. जल्दी ही इसे ई-धरती पोर्टल से भी जोड़ा जाएगा.

डेस्क बोर्ड के जरिए अब मॉनिटरिंग भी ज्यादा आसान होगी
उसके बाद किसानों को खाता और खसरा की कॉपी अपलोड करने की जरुरत नहीं पड़ेगी. फाइल के अलग-अलग स्तर पर किसानों को मोबाइल पर मैसेज मिलता है जिससे उसे ट्रैक किया जा सकता है. पोर्टल से किसानों को ही राहत नहीं मिली बल्कि विभाग के कामकाज में पारदर्शिता और तेजी भी आई है. डेस्क बोर्ड के जरिए अब मॉनिटरिंग भी ज्यादा आसान हो गई है.

किसानों, व्यापारियों और कार्मिकों के लिए 8 मोबाइल एप बनाए गए हैं
राज किसान साथी पोर्टल पर किसानों, व्यापारियों और कार्मिकों के लिए 8 मोबाइल एप बनाए गए हैं. बीज, खाद और कीटनाशी के लाइसेन्स भी ऑनलाइन बन रहे हैं. इतना ही नहीं सेम्पल लेने की प्रक्रिया जो पहले इंस्पेक्टर तय करता था अब वह सॉफ्टवेयर तय कर रहा है. सेम्पल जांच के लिए कौनसी लैब और किस टेक्नीशियन के पास जाएगा यह भी अब सॉफ्टवेयर के जरिए तय हो रहा है.

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