हिंद-प्रशांत महासागर में पैठ बनाने निकला ब्रिटेन, भारतीय नौसेना के साथ कल से होगा अभ्यास
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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 22-23 जुलाई को होने वाले इस अभ्यास में 12 युद्धपोत, 30 से ज्यादा लड़ाकू विमान, दो पनडुब्बियां और 4500 से ज्यादा जवान भाग लेंगे. खास बात यह है कि एलिजाबेथ सीएसजी पहली बार F-35B लड़ाकों के साथ समुद्री यात्रा पर निकला है. इन प्रयासों के जरिए ब्रिटेन ने हिंद-प्रशांत महासागर में अपने दो गश्ती नौकाओं को स्थायी रूप से तैनात करने का फैसला किया है. यूके ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि समुद्र में नेविगेशन और कानून के शासन को सुनिश्चित किया जा सके.
हिंद-प्रशांत महासागर में अपनी यात्रा पूरी करने के बाद एलिजाबेथ सीएसजी भारतीय सेना की तीनों सेवाओं के साथ अरब सागर में गोवा के तट पर अभ्यास करेगा. कारवार बंदरगाह पर ये अभ्यास 21 से 23 अक्टूबर के बीच होंगे. साथ ही सीएसजी एलिजाबेथ कारवार और मुंबई के बंदरगाहों पर भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ पहुंचेगी.
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जापान के सामने भी खड़ा है चीन संकट
जापान के सामने भी अपनी सैन्य क्षमताओं और क्वाड और अन्य साथियों के साथ गहरे सैन्य सहयोग की जरूरत ऐसे समय में आई है, जब चीन देश के शीर्ष खतरे के रूप में सामने आया है. अपने इस समुद्री दौरे पर एलिजाबेथ सीएसजी जापान की मेरिटाइम फोर्सेज के साथ अभ्यास करेगा.
ब्रिटेन ने इस एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ और इसके टास्क फोर्स की इस पहली यात्रा को दो दशकों की सबसे महत्वाकांक्षी नौसैन्य तैनाती बताया था. कहा जा रहा है कि युद्धपोत साउथ चाइना सी में भी अमेरिकी नौसेना और जापान की मैरिटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स के साथ अभ्यास करेगा.
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