उत्तराखंड

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को लगाई फटकार, अभिजीत सरकार की दूसरी ऑटोप्‍सी रिपोर्ट CBI को सौंपेने का आदेश

[ad_1]

नई दिल्‍ली . पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा (West Bengal Violence) पर कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta high court) ने अपने आदेश में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की नृशंस हत्या और पुलिस और प्रशासन द्वारा शव के दूसरे परीक्षण का मना करने उन्हें दूसरे अटॉप्सी का आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में विशेष रूप से सरकार की दूसरी ऑटोप्सी रिपोर्ट और डीएनए रिपोर्ट सीबीआई (CBI) को सौंपने का निर्देश दिया है. भाजपा के कार्यकर्ता और भारतीय मजदूर ट्रेड यूनियन काउंसिल के उपाध्यक्ष की कथित तौर पर 2 मई को कोलकाता के नारकेलडांगा में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी, जिस दिन सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सीट जीती थी.

परिवार ने आरोप लगाया था कि केबल के तार का प्रयोग करके अभिजीत की हत्या की गई. तार को गर्दन में लपेट दिया गया था और फिर अभिजीत को घसीटा गया था. परिवार के बताया था कि इसके बाद अभिजीत को पत्थरों से तब तक मारा गया जब तक उसकी मृत्यु नहीं हो गई. वही भीड़ ने उनके पालतू कुत्तों को भी मार दिया था. अभिजीत की हत्या का उल्लेख करते हुए एनएचआरसी के अंतिम रिपोर्ट में भी यह कहा गया था कि अभिजीत का परिवार शव की दूसरी बार जांच करने की मांग कर रहा था, जबकि पुलिस और बंगाल प्रशासन ने ऐसा करने से मना कर दिया था. ऐसे समय अभिजीत का शव शवगृह में था.

ये भी पढ़ें : कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए 4000 रुपये दे रही है सरकार? जानें इस खबर का सच

ये भी पढ़ें : श्रीनगर: आतंकवादियों ने पुलिस की नाका पार्टी पर फेंका ग्रेनेड, दो पुलिसकर्मी घायल

अदालत के आदेश में कहा गया है उनके भाई को दूसरी ऑटोप्सी रिपोर्ट के लिए इस अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा जिसकी अनुमति दी गई और यह कोलकाता की कमांड अस्पताल से किया गया क्योंकि पीड़ित परिवार को सरकारी तंत्र पर भरोसा नहीं था. अदालत ने यह भी आदेश दिया कि शव परीक्षण रिपोर्ट में विशेष रुप से शरीर की स्थिति के बारे में उल्लेख किया जाए कि जहां वह था, क्या उस अस्पताल में ठीक से संरक्षित किया गया था.

https://www.youtube.com/watch?v=0f-LbYUCL2g

बाद में अभिजीत सरकार की डीएनए परीक्षण रिपोर्ट को एक सीलबंद लिफाफे में अदालत में पेश किया गया था जिसमें शव परीक्षण की वीडियो रिकॉर्डिंग के संदर्भ में साक्ष्य अधिनियम की धारा 65 बी के तहत एक प्रमाण पत्र था. कोर्ट ने दोनों दस्तावेजों को रजिस्ट्रार जनरल के पास सुरक्षित रखने का आदेश दिया.
हाई कोर्ट ने कहा “समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट, अभिजीत सरकार की दूसरी ऑटोप्सी रिपोर्ट, निदेशक कमांड अस्पताल, कोलकाता द्वारा प्रस्तुत डीएनए विश्लेषण रिपोर्ट और मामले से संबंधित कई अन्य सीलबंद कवर, इस न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के पास है. उचित रसीद के लेकर इसे सीबीआई के अधिकृत अधिकारी को सौंप दिया जाएगा.

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *