उत्तराखंड

धनबाद के कथित जज हत्याकांड में CBI ने दर्ज किए दो केस, षड्यंत्र की आशंका

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नई दिल्ली. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने धनबाद के कथित जज हत्याकांड में दो एफआईआर दर्ज की हैं. एजेंसी ने एक ऑटो रिक्शा की चोरी और तीन मोबाइल फोन की चोरी के मामले में एफआईआर दर्ज की हैं. संहेद है कि ऑटो रिक्शा और इन फोन्स का इस्तेमाल हत्या में किया गया था. बीती 29 जुलाई को धनबाद के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज उत्तम आनंद की कथित रूप से हत्या कर दी गई थी. सीबीआई मुख्य मामले की पहले से ही जांच कर रही है.

न्यूज़18 को दस्तावेजों से मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने नई दोनों एफआईआर 7 सितंबर को दर्ज की हैं. एफआईआर में दी गई जानकारी के मुताबिक हत्याकांड में किसी षड्यंत्र का संदेह जाहिर किया गया है.

सूचना देने वाले को दस लाख इनाम देगी सीबीआई
इससे पहले झारखंड पुलिस द्वारा दो लोगों को यह दावा करते हुए गिरफ्तार किया गया था कि ये लोग वो ऑटो चला रहे थे जिससे जज को जानबूझकर पीछे से धक्का मारा गया. जज उस वक्त मॉर्निंग वॉक पर निकले हुए थे. सीबीआई ने अब मामले में कोई भी सूचना देने वाले को दस लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की थी और सीबीआई जांच के लिए कहा था. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था. धनबाद पुलिस द्वारा दर्ज की गई दो अन्य एफआईआर पर भी अब सीबीआई ही जांच करेगी.

ऑटो चोरी के मामले में केस
सीबीआई ने पहली एफआईआर 7 सितंबर को दर्ज की थी. धनबाद की रहने वाली सुगनी देवी ने JH10R0461 नंबर वाले अपने ऑटोरिक्शा की चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि 17 जुलाई की रात 11 बजे उनके घर के बाहर से ऑटोरिक्शा चोरी हो गया था. दूसरी एफआईआर के अनुसार, धनबाद के ही रहने वाले पूर्णेंदु विश्वकर्मा ने तीन मोबाइल फोन चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी. ये फोन 28 जुलाई की रात उनके घर से चोरी हो गए थे. माना जा रहा है कि साजिशकर्ता और आरोपियों ने कथित तौर पर चोरी के इन फोन का इस्तेमाल एक-दूसरे से संपर्क करने के लिए किया था.

खास बात ये थी कि पूर्णेंदु विश्वकर्मा ने अपने तीन फोन के चोरी होने की शिकायत एक सप्ताह बाद तक दर्ज नहीं कराई थी क्योंकि फोन कम कीमत के थे. विश्वकर्मा ने दावा किया कि फोन महंगे नहीं थे और उन्होंने सिम कार्ड को निष्क्रिय करवा दिया था. इस मामले में धनबाद पुलिस ने 13 अगस्त को शिकायत दर्ज की थी. एफआईआर में शिकायतकर्ता ने कहा कि10 अगस्त की रात उनके घर 3 लोग आए थे, देखने में वो पुलिसकर्मी की तरह लग रहे थे. उन्होंने बताया कि राहुल कुमार वर्मा नामक एक शख्स ने उनका फोन चुराया था. पुलिस ने वर्मा और लखन वर्मा को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने दावा किया कि जिस दिन जज को ऑटोरिक्शा से टक्कर मारी गई थी उस दिन ये उस ऑटोरिक्शा में मौजूद थे.

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