उत्तराखंड

चंडीगढ़: पहली बार सीवेज में कोराेना वायरस के नमूने मिलने से हड़कंप, जानें आखिर इसका क्या है मतलब?

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चंडीगढ़. पहली बार चंडीगढ़ शहर में सीवेज के नमूनों में कोरोना वायरस (Corona Virus) मिला है. इन नमूनों की जांच पीजीआई, चंडीगढ़ के वायरोलॉजी डिपार्टमेंट (Virology Department of PGI Chandigarh) में की गई है. WHO-ICMR Centre ने इस तरह की जांच की अनुशंसा की है. ताकि पर्यावरण पर पड़ रहे कोरोना के असर को परखा जा सके.

पीजीआई, चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) में प्रोफेसर मिनी पी सिंह ने बताया, ‘हमने बीते दिसंबर के महीने से वेस्टवॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स से नमूने लेने शुरू किए थे. चंडीगढ़ के साथ ही अमृतसर, पंजाब (Amritsar, Punjab) के प्लांट्स से भी नमूने लिए गए. हर हफ्ते नमूनों की जांच की जा रही है. दिसंबर में हमारे पास जो नमूने आए, उनमें कोरोना वायरस (Corona Virus) नहीं मिला था. लेकिन अभी संक्रमण बढ़ने के बाद चंडीगढ़ के सीवेज के पानी में वायरस (Corona Virus) पाया गया है.’ उन्होंने बताया कि जल्द ही दिल्ली के सीवेट ट्रीटमेंट प्लांट्स (Sewage Treatment Plants) से भी इस तरह की जांच के लिए नमूने पीजीआई, चंडी़गढ़ आ सकते हैं.

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जांच की प्रक्रिया जटिल है, करीब तीन दिन लगते हैं

‘द ट्रिब्यून’ के मुताबिक, सीवेज के नमूनों की जांच का तरीका काफी अलग होता है. मतलब इंसानों के नमूनों की जांच के मुकाबले इसकी प्रक्रिया अलग होती है. इसके लिए पहले 2-3 एमएल सीवेज को तीन दिन के करीब सुरक्षित रखकर गाढ़ा होने दिया जाता है. यह बेहद जरूरी है. फिर इसके बाद इसमें से न्यूलिक एसिड हटाकर पानी को साफ को किया जाता है. ताकि सीवेज के पानी में पाए जाने वाले संभावित वायरस को अलग किया जा सके. फिर इस नमूने की आरटी-पीसीआर (RT-PCR) मशीन में जांच की जाती है. यह पता लगाने के लिए वायरस (Virus) है या नहीं. WHO के अनुसार अगर किसी रिहाइश के सीवेज में कोरोना वायरस (Corona Virus) का पता चलता है, तो इसका मतलब है कि वहां एक या उससे अधिक लोग संक्रमित हैं.

Tags: Chandigarh, Corona Virus

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