Chhath Puja 2021: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिहार-पूर्वांचलवासियों को छठ महापर्व की दी बधाई
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नई दिल्ली/पटना. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने छठ पूजा (Chhath Puja 2021) की पूर्व संध्या पर मंगलवार को बिहार और पूर्वांचल समेत देश के लोगों को बधाई दी और कहा कि यह त्योहार सूर्य देव और प्रकृति के साथ हमारे संबंधों की एक अनूठी अभिव्यक्ति है. राष्ट्रपति ने कहा कि छठ पूजा देश में मनाए जाने वाले सबसे पुराने त्योहारों में से एक है. उन्होंने कहा, ‘इसका महत्व डूबते सूर्य को ‘अर्घ्य’ देने में निहित है. श्रद्धालु दिन के दौरान कठोर उपवास करने के बाद त्योहार की समाप्ति पर नदियों और तालाबों के पानी में पवित्र स्नान करते हैं.’
उन्होंने कहा कि यह त्योहार सूर्य देव और प्रकृति के साथ हमारे संबंधों की अनूठी अभिव्यक्ति है. राष्ट्रपति ने भारत और विदेशों में रहने वाले सभी देशवासियों को छठ पूजा की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह त्योहार प्रकृति के साथ हमारे शाश्वत संबंधों को मजबूत करे जिससे हमें अपने पर्यावरण की रक्षा करने में मदद मिलेगी.
बिहार BJP के नेता नंदकिशोर यादव ने भी छठ पर्व की दी बधाई
वहीं, बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि लोक आस्था का महापर्व छठ सदाचार और सदव्यवहार की सीख देता है. उन्होंने मंगलवार को प्रदेशवासियों को लोक आस्था के महापर्व छठ की बधाई देते हुए आपसी सहयोग और सद्भाव से मनाने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘हमारी कामना है भगवान भास्कर लोगों के जीवन में खुशहाली लाएं. लोगों का जीवन उत्साह से ऊर्जान्वित हो.’
बता दें कि छठ महापर्व का मंगलवार को दूसरा दिन है, इस दिन व्रत धारी महिलाएं मिट्टी के चूल्हे पर श्रद्धापूर्वक खरना का प्रसाद बनाती हैं. तीसरे दिन व्रतधारी अस्ताचलगामी सूर्य को नदी और तालाब में खड़े होकर फल और कंद मूल से प्रथम अर्घ्य अर्पित करते हैं. फिर छठ के चौथे और अंतिम दिन नदियों और तालाबों में व्रतधारी उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य देते हैं. दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद ही श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त होता है और वो अन्न-जल ग्रहण करते हैं. (भाषा से इनपुट)
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