उत्तराखंड

Chhattisgarh News: 2 साल और करीब 15 हजार लोगों ने लगा लिया मौत को गले

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रायपुर. छत्तीसगढ़ से एक चौंकाने वाली खबर है. कुछ आंकड़ाें ने जहां एक तरफ लोगों को परेशान कर रखा है वहीं प्रशासन के लिए भी ये अब हाथ पैर फुला देने वाला विषय होता जा रहा है. आंकड़ाें के अनुसार राज्य में दो साल में 14968 लोगों ने आत्महत्या कर ली. इन आत्महत्यों के पीछे कई कारण रहे, इनमें परिवार से दूरी और तनाव को प्रमुख वजह बताया जा रहा है. वहीं नशे की लत और पढ़ाई की चिंता भी बहुत से लोगों में अवसाद का कारण बनी. वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार घर की जिम्मेदारियों को उठाने के चलते होने वाला तनाव भी आत्महत्या का एक बड़ा कारण बन कर सामने आया है.
वहीं आत्महत्या करने वालों में सबसे बड़ी संख्या मजदूर वर्ग की रही, दो सालों में 6100 मजदूरों ने अलग अलग कारणों से अपनी जान दी. इनमें से अधिकतर आर्थिक हालातों से परेशान थे. वहीं नाबालिगों की संख्या भी 1286 रही, इनमें से ज्यादातर पढ़ाई के दबाव को नहीं उठा सके और अपने जीवन को खत्म कर लिया.

ये थे आत्महत्या करने वाले लोग

  • 1286 नाबालिगों ने अपनी जान दी.
  • 406 ऐसे थे जो कृषक थे.
  • 6100 मजदूरों ने अपनी जान कई करणों से दी.
  • शासकीय कर्मचारियों ने भी मौत को चुना जिसमें 211 लोग शामिल है.
  • 1122 बुजुर्गों ने मौत को गले लगा लिया.

कहां कितनी संख्या
राजधानी रायपुर में सबसे ज्यादा 1628 लोगों ने आत्महत्या की. वहीं दुर्ग में 1025, जांजगीर जिले में 1001 लोगों ने अपनी जान दे दी. इन सभी में 76 लोग ऐसे थे जिन्होंने ट्रेन से कट कर जान दी. इस संबंध में मनोविज्ञान की प्रोफेसर प्रियंमवदा श्रीवास्तव ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग अवसाद में आकर आत्म हत्या करते है. इसके कई कारण होते हैं. बायोलॉजिकल कारण सेरोटेनिन लेवल कम होने की वजह से होता है. प्रोफेसर का कहना है कि आत्महत्या करने से पहले लोगों के व्यवहार में काफी परिवर्तन आता है. इसका ख्याल रखना चाहिए. ऐसे लोगों से बातचीत करें, उनका ख्याल रखें.

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