मुर्गी का छोटा अंडा सेहत के लिए होता है सबसे ज्यादा फायदेमंद, जानिए वजह
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नई दिल्ली. ज्यादातर लोग जब बाजार अंडा (Egg) खरीदने जाते हैं तो छांट-छांटकर बड़े अंडे लेते हैं. उन्हें लगता है कि बड़े अंडे में जर्दी और दूसरा तरल पदार्थ ज्यादा निकलता है. वहीं दूसरी ओर दुकानदार छांटकर बड़ा अंडा देने में आनाकानी करता है. लेकिन अंडा खाने वाले और दुकानदार यह बात कम ही जानते हैं कि मुर्गी का छोटा अंडा ही सेहद के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. डायटिशियन (Dietician) और पोल्ट्री फार्म मालिक भी छोटे अंडे की बहुत सारी खूबियां गिनाते हैं. यहां तक की कुछ जिम (Jim) संचालक भी अपने यहां आने वाले लड़कों को छोटा अंडा खाने की सलाह देते हैं.
अंडे के बारे में यह बोले डायटिशियन और डॉक्टर
डायटिशियन और डॉक्टरों का मानना है कि अंडा हमेशा से एक कम्पलीट डाइट के रूप में देखा जाता रहा है. डायटिशियन सिमी इसके पीछे एक बड़ी वजह के बारे में तफ्सील से बताती हैं, “अंडे को कम्पलीट डाइट के रूप में देखे जाने के पीछे अंडे में बहुत ज्यादा प्रोटीन का होना है. खासतौर से अंडे को बढ़ते हुए बच्चों के लिए एक बहुत अच्छी डाइट के रूप में देखा जाता है.
जिस परिवार में अंडा खाया जाता है वहां डायटिशियन और डॉक्टर बढ़ते हुए बच्चे को अंडा खिलाने की सलाह देते हैं.” वहीं एम्स के डॉक्टरों की एक टीम ने नई शिक्षा नीति में बच्चों के लिए मिड-डे मील का मेन्यू सुझाते हुए उसमे अंडे को शामिल करने की सिफारिश की है.
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इसलिए फायदेमंद होता है मुर्गी का छोटा अंडा
पोल्ट्री फार्म संचालक और पोल्ट्री कंसलटेंट अनिल शाक्य का कहना है, “अंडे देने वाली मुर्गी को भी पोल्ट्री फार्म में बचपन से पाला जाता है. एक्सपर्ट की सलाह पर उसे पौष्टिक आहार दिया जाता है. आहार में ही कैल्शियम की हाई डोज भी शामिल रहती है. लेकिन यह कैल्शियम दवाई के रूप में हरगिज नहीं होता है. इसके अलग-अलग सोर्स होते हैं. कैल्शियम की वजह से ही अंडे का सफेद खोल इतना मजबूत होता है कि जल्दी ही वो टूटता नहीं है. फिर एक वक्त के बाद मुर्गी अंडा देना शुरु करती है. शुरुआत छोटे अंडे से होती है. करीब 6 से 7 दिन तक मुर्गी छोटा अंडा ही देती है.
लेकिन इस छोटे अंडे की खासियत यह है कि मुर्गी ने बड़े होने के लिए जितना पौष्टिक आहार और कैल्शियम लिया उसका असर शुरुआत के अंडो में ही ज्यादा देखने को मिलता है. उसके बाद तो हर रोज अंडा देने के चलते मुर्गी में वक्त के साथ कैल्शियम की कमी होती चली जाती है और अंडा भी कमजोर हो जाता है. फिर एक वक्त ऐसा आता है कि मुर्गी 100 फीसद अंडे के एवरेज से 55 और 60 फीसद पर आ जाती है. इस हालत में पोलट्री फार्म मालिक मुर्गी को बेच देता है.
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