Climate Change Impact: जलवायु परिवर्तन की वजह से बदला गंगा का प्रवाह, भीषण बाढ़ की चेतावनी
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नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन (Climate Change) का हमारे पर्यावरण (Environment) पर बहुत ज्यादा प्रभाव पहुंचा है. अब एक अध्यय में गंगा नदी (Ganga River) पर जलवायु परिवर्तन के असर को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं. भारतीय विज्ञान संस्थान कानपुर (Kanpur) के अध्ययन में यह कहा गया है कि मानवीय गतिविधियों और जलवायु परिवर्तन की वजह से गंगा के प्रवाह में बदलाव आया है जिससे गंगा बेसिन (Ganga Basin) से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. बढ़ती मानवीय गतिविधियों की वजह से नदी पर पहले ही विनाशकारी प्रभाव पड़ा है लेकिन अब बढ़ते प्रदूषण ने इसके प्रवाह की दिशा को बदल दिया है.
जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित अध्य्यन में बताया गया कि जलवायु परिवर्तन और बांध बनाने जैसे कार्यों से पहले की तुलना में गंगा नदीं के बहाव में परिवर्तन आया है. गंगा की दो महत्वपूर्ण सहायक नदियों भागीरथी और अलकनंदा पर ध्यान केंद्रित करते हुए अध्ययन में पर्वतीय क्षेत्रों में मानवीय कार्यों के नुकसान को भी बताया गया है.
अपर गंगा बेसिन तक किया अध्ययन
पश्चिमी भागीरथी नदी गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है जबकि वहीं गंगा की पूर्वी सहायक नदीं अलकनंदा संतपंथ ग्लेशियर से निकलती है. दोनों सहायक नदियां देवप्रयाग में मिलकर गंगा का निर्माण करती हैं. जलवायु परिवर्तन का गंगा पर प्रभाव जानने के लिए शोधकर्ताओं ने ऋषिकेश तक अपर गंगा बेसिन का अध्ययन किया. अध्ययन में बताया गया कि भागीरथी बेसिन में चार बांध बनाने का काम 2010 से पहले शुरू कर दिया गया था, जबकि वहीं अलकनंदा बेसिन में दो बांध 2015 के बाद शुरू कर दिए गए थे.
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि अलकनंदा बेसिन ने 1995 से 2005 तक पानी के प्रवाह में दोगुने का अनुभव किया. इसे चरम प्रवाह कहा गया. शोधकर्ताओं के अनुसार प्रवाह में यह चरम वृद्धि भविष्य में गंगा बेसिन में बाढ़ के खतरे का संकते दे रही है.
इस वजह से बदला मुख्य आकार
शोधकर्ताओं ने आगे सुझाव देके हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ अलकनंदा क्षेत्र में बांधों के निर्माण ने जल गतिविधि को बदला है क्योंकि बांधों और जलाशयों ने नदियों द्वारा ले जाने वाले तलछट को प्रभावित किया है. डाउनस्ट्रीम गंगा बेसिन में अवसादन की कमी ने नदी के मुख्य आकार को बदल दिया है. अगर अभी भी नदियों में मानवीय गतिविधियों को रोका नहीं गया तो इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिल सकते हैं.
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