उत्तराखंड

CM योगी आज करेंगे उज्जवला 2.0 का आगाज, 20 लाख महिलाओं को मुफ्त कनेक्शन देने का अभियान

[ad_1]

लखनऊ. कांग्रेस (Congress) के विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ( Deepak Singh, MLC) ने मंगलवार को योगी सरकार (Yogi Government) पर बड़ा हमला किया. दीपक सिंह ने कहा कि कुंभ (Kumbh) के आयोजन में किया गया ये घोटाला (Scam) उत्तर प्रदेश इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला है. इतना बड़ा घोटाला सरकार ने हो जाने दिया और इसमें लिप्त भ्रष्टाचारियों को ढाई साल का समय भाजपा सरकार द्वारा दिया गया. यदि सही समय से इस पर सरकार ने कार्य किया होता तो कई मंत्री और अधिकारी इस भ्रष्टाचार के चलते जेल चले गये होते.

दीपक सिंह ने कहा कि हमने इस ओर भाजपा सरकार का ध्यान आकर्षण सदन में भी किया था लेकिन योगी सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया और भ्रष्टाचारियों को पूर्ण संरक्षण प्रदान किया. अब नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (CAG) की ऑडिट रिपोर्ट ने योगी आदित्यनाथ की बीजेपी सरकार के पारदर्शिता के झूठ को पुनः बेनकाब किया है.

उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ फिजूलखर्ची रोकने और पारदर्शिता के दावे करती रही और दूसरी तरफ जनता के पैसे को भ्रष्टाचार का पलीता लगाया जाता रहा. 2019 में प्रयागराज में आयोजित हुए कुंभ मेले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ. उस समय भी कुम्भ में हुए भ्रष्टाचार पर सवाल उठे लेकिन सरकार ने भ्रष्टाचार को धर्म की आड़ के सहारे ढक दिया गया. लेकिन सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट ने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी.

उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के लिए 2743.60 करोड़ रुपए आवंटित हुए, जिसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ और पैसे का अपव्यय किया गया. कुंभ मेले में जिन 32 ट्रैक्टर को खरीदा गया, उनके रजिस्ट्रेशन नंबर मेल नहीं खाते. वह कार, मोपेड और स्कूटर के नंबर पंजीकृत हैं.

कैग रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के अभिलेखों से मेसर्स स्वास्तिक कंस्ट्रक्शन से संबंधित सत्यापन रिपोर्ट में इन 32 ट्रैक्टरों की पंजीकरण संख्या के सत्यापन में मिला कि 32 में से चार ट्रैक्टरों के पंजीकरण नंबर एक मोपेड, दो मोटरसाइकिल और एक कार के थे.

दीपक सिंह ने कहा कि कैग रिपोर्ट में विभिन्न विभागों से कुम्भ के लिए आवंटित बजट पर सवाल खड़ा किया है. कुंभ मेला अधिकारी ने अन्य विभागों के बजट खर्चे की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई, जिससे उस बजट के खर्चे का विवरण ही नहीं मिल सका.

कुम्भ मेले में आपदा राहत कोष से गृह (पुलिस) विभाग को 65.87 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया, कैग ने इस पर भी सवाल उठाया है कि आपदा राहत कोष का प्रयोग तो आपदा की स्थितियों में होता है ऐसे में आवंटित धन का अपव्यय हुआ.

कुम्भ में टिन, टेंट, पंडाल, बैरिकेडिंग कार्यों के लिए 105 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति के सापेक्ष मेला अधिकारी ने 143.13 करोड़ रुपये के कार्य कराए. बिना वित्तीय स्वीकृत के सड़कों के निर्माण भारी अनिमियता हुई, स्वीकृत दरों से कई गुना ज्यादा पर काम कराया गया.

यूपी पुलिस द्वारा खरीदे गये 10 ड्रोन कैमरे जिनकी कुल लागत 32.50 लाख थी, वे इस्तेमाल में ही नहीं लाये गये. सीएजी के अनुसार ये 10 ड्रोन कैमरे किसी काम के नहीं थे. भ्रष्टाचार के कारण समस्त कुंभ में आये हुये श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ एक बड़ा खिलवाड़ किया गया. उन्होंने कहा कि यदि कोई अप्रिय घटना घटित हो जाती तो कितना बड़ा हादसा होता?

योगी सरकार ने भ्रष्टाचार की समस्त सीमाओं को तब पार कर दिया जब राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के रुपये 65.87 करोड़ का इस्तेमाल कुंभ आयोजन में कर लिया और उसका हिसाब भी नहीं दिया. जिस पर सीएजी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की.

यही नहीं योगी सरकार ने रुपये 42000 के एक शौचालय का निर्माण किया तथा रुपये 231.45 करोड़ के अस्थाई टेंटों का निर्माण कराने में खर्च किया, जिसके विषय में सीएजी का कहना है कि इसका कुल भुगतान रु 143 करोड़ ही होना चाहिए था.

योगी सरकार ने कुंभ के आयोजन में कोई कार्य बिना कमीशन और रिश्वत के नहीं कराया. हद तो तब हो गयी जब 10,500 रुपये की एलईडी लाईट का भुगतान रु 22,650 कर दिया और राज्य को इस मद में भी रु 32 लाख का चूना लगा दिया.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *