प्रशांत किशोर के पद पर कांग्रेस में फंसा पेंच, प्रियंका ने वरिष्ठ नेताओं संग किया मंथन
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नई दिल्ली. कांग्रेस (Congress) में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के शामिल होने की संभावनाएं तेज हो गई हैं. कांग्रेस में इस समय इसे लेकर औपचारिक और अनौपचारिक बैठकों (Congress Meetings) का दौर चल रहा है. इस बीच पार्टी के सूत्रों ने न्यूज18 को जानकारी दी है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की मौजूदगी में कुछ दिनों पहले अहम बैठक हुई है. इसमें प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल किए जाने की संभावनाओं पर वरिष्ठ नेताओं के विचार पूछे गए हैं. सूत्रों ने बताया है कि अगर प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होते हैं तो वरिष्ठ नेता उन्हें कोई विशेष दर्जा देने के पक्ष में नहीं हैं. यह बैठक महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बुलाई थी.
सूत्रों ने जानकारी दी है कि बैठक में पता चला है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि प्रशांत किशोर को पार्टी सिस्टम के तहत काम करना चाहिए. सभी वरिष्ठ नेताओं का विचार है कि प्रशांत किशोर की विशेषज्ञता का इस्तेमाल पार्टी के कार्यकर्ता या पार्टीमैन के रूप में किया जाए.
इसके साथ ही वरिष्ठ नेताओं को चुनाव प्रबंधन में प्रशांत किशोर की विशेषज्ञता का इस्तेमाल करने के लिए अभियान कमेटी या कोई विभाग गठित करने में कोई परेशानी नहीं है. पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि अहमद पटेल की तरह प्रशांत किशोर को पॉलिटिकल मैनेजर का काम देने की खबरें गलत हैं.
न्यूज18 को मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पहले हुई यह बैठक केसी वेणुगोपाल ने बुलाई थी. इसमें प्रियंका गांधी, एके एंटनी, जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह, तारिक अनवर शामिल हुए थे.
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के घर पर 30 अगस्त को जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया गया. इस दौरान सिब्बल के घर पर जी-23 गुट के नेताओं का भी जमावड़ा लगा. इनमें कांग्रेस के असंतुष्ट नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर, मुकुल वासनिक, विवेक तन्खा और भूपिंदर सिंह हुड्डा शामिल हैं.
इस दौरान प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की संभावनाओं पर भी विचार किया गया है. कांग्रेस के इन असंतुष्ट नेताओं में से कुछ के बारे में कहा जाता है कि वे प्रशांत किशोर की नियुक्ति के विचार का विरोध कर रहे हैं. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि जी-23 गुट की ओर से वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाने की भी संभावना है. इन नेताओं की यह अनौपचारिक मुलाकात कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे गए बदलाव करने संबंधी पत्र के एक साल बाद हुई है.
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कुछ वरिष्ठ नेताओं के बारे में कहा जा रहा वे प्रशांत किशोर की नियुक्ति किए जाने का समर्थन करते हैं. वे भी इस अनौपचारिक बैठक में ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए हैं. जी-23 गुट से एक नेता ने मीडिया से कहा, ‘पार्टी को आउटसोर्स करने के बारे में निश्चित रूप से गंभीर आशंकाएं हैं. यह नेतृत्व पर अच्छी तरह से प्रतिबिंबित नहीं करता है क्योंकि कांग्रेस के पास बहुत सारे प्रतिभाशाली लोग हैं. लेकिन यह एक उत्तेजना का कारण नहीं बनेगा क्योंकि हमने वेट एंड वॉच पॉलिसी अपनाने का फैसला किया है.’ उनका कहना है कि इसके बारे में कांग्रेस वर्किंग कमेटी फैसला लेगी, न कि जी-23 गुट.
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