ISI और खालिस्तानी आतंकियों से जुड़े 2500 करोड़ की हेरोइन के तार, भारत के खिलाफ रची जा रही साजिश
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नई दिल्ली. पंजाब में खालिस्तान और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अपनी जड़ें नार्को टेरर के जरिये मजबूत करना चाहता है इसलिए अब आतंकी गतिविधियों के लिए भारत में सीमा पार से पैसे की बजाय ड्रग्स भेजी जा रही है. स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक ISI और खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने अब अपना नया गढ़ मध्यप्रदेश को बनाया है. खासकर मध्यप्रदेश के शिवपुरी को क्योंकि यहां के ग्रामीण इलाके और कस्बों में छोटी-छोटी फेक्ट्री की आड़ में तालिबान-पाकिस्तान के रूट से आई ड्रग्स को फाइन क्वालिटी का बनाया जाए और फिर यहां से आसानी से पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली और अन्य राज्यों में सप्लाय किया जाए.
चूंकि यह ग्रामीण इलाके मध्यप्रदेश के शिवपुरी के आगरा बॉम्बे रोड पर है जहाँ चोरी-छुपे ड्रग्स फैक्ट्री तैयार की जाती है और फिर यहीं से हाईवे सड़क मार्ग से दूसरे राज्यों में यह हेरोइन भेज दी जाती है. कुछ अरसा पहले कस्टम और DRI ने भी मध्यप्रदेश के शिवपुरी में कई हजार करोड़ की ड्रग्स बरामद की थी. 2500 करोड़ हेरोइन बरामदगी मामले में स्पेशल सेल ने कहा कि पुर्तगाल में बैठा नवप्रीत सिंह उर्फ प्रदीप ये पूरा ड्र्ग्स सिंडिकेट चला रहा है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल नवप्रीत के खिलाफ LOC जारी करने की तैयार में है.
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बता दें कि डीआरआई ने भी जुलाई के पहले हफ्ते में चाबहार पोर्ट से 2 कैंटनरों में 300 किलो हेरोइन पकड़ी थी. ईरान के चाबहार पोर्ट से हेरोइन को लाया गया था और इसे टेल्को पाउडर बताया था. सोमवार को जो दिल्ली पुलिस ने 354 किलो हेरोइन पकड़ी है वो भी ईरान के चाबहार पोर्ट से आई थी. डीआरआई के अधिकारियों के मुताबिक अभी उनका ऑपरेशन जारी है और कार्रवाई खत्म होने के बाद ही वो आगे की डिटेल्स शेयर करेंगे. सूत्रों के मुताबिक दोनों मामलों में हेरोइन भेजने वाला एक ही सिंडिकेट है.
भारत में ड्रग्स की रूट की बात करें, तो…
म्यांमार से मणिपुर, फिर असम से बिहार में बक्सर पटना और फिर पंजाब, दिल्ली. म्यांमार से हेरोइन का कच्चा माल भारत आता है, फिर बक्सर और पटना में उसमें कई रसायन मिलाकर उसे उम्दा क्वालिटी की हेरोइन में तब्दील किया जाता है, जिसके बाद भारत के अलग-अलग राज्यों में यह हेरोइन भेज दी जाती है.
अफगानिस्तान से भारत आने वाली ड्रग्स की कुछ खेप को बेचने वाले मेडिकल वीजा पर भारत आते हैं, ताकि एजेंसियों की नजर से बच सकें. भारत में ड्रग्स रैकट का गढ़ असम और वेस्ट बंगाल भी बना हुआ है.
विश्व में कुल 6 देशों में सबसे ज्यादा हेरोइन गैर-कानूनी तरीके से पैदा होती है. हेरोइन को इन 6 देशो में दो नामों से पहचाना जाता है जिसका एक टर्म गोल्डन ट्रेंगल है, जिसमें म्यामार, लागोस, कम्बोडिया आते हैं यहां सबसे ज्यादा ड्रग्स की पैदावार होती है. वही गोल्डन क्रिसेंट में ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान शामिल है.
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