उत्तराखंड

Corona Virus: दुनिया से कब खत्‍म होगा कोरोना वायरस, बता रहे हैं विशेषज्ञ

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नई दिल्‍ली. साल 2020 से महामारी के रूप में सामने आया कोरोना वायरस पूरे विश्‍व में लाखों लोगों की जान ले चुका है. बार बार म्‍यूटेशन के बाद नए नए रूपों में आ रहे कोरोना का हाल ही में एक और नया वेरिएंट ओमिक्रॉन सामने आया है जो अभी तक विश्‍व के 40 से ज्‍यादा देशों में फैल चुका है. ओमिक्रॉन के भारत में भी मामले सामने आ चुके हैं. यही वजह है कि एक बार फिर लोगों को इस बीमारी का डर सता रहा है. दो साल से लोगों की दिनचर्या में घुस चुके इस वायरस को लेकर अभी भी लोगों का यही सवाल है कि आखिर यह वायरस कभी खत्‍म होगा भी या नहीं. क्‍या यह वायरस इसी तरह हमेशा बना रहेगा. इस सवाल के संबंध में देश के जाने-माने विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है.

जोधपुर स्थित इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-एनआईआईआरएनसीडी (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इम्पलीमेंटेशन रिसर्च ऑन नॉन कम्यूनिकेबल डिसीज) के निदेशक और कम्यूनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. अरुण शर्मा न्‍यूज-18 हिंदी से बातचीत में कहते हैं कि कोरोना वायरस पिछले दो सालों से चल रहा है. इसमें नए नए वेरिएंट भी आ चुके हैं. कई वेरिएंट में कई म्‍यूटेशन भी देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में संभावना है कि यह बीमारी एंडेमिक हो सकती है. ये आगे तक चल सकती है. हालांकि हमारे पास दो ऐसे वायरस का उदाहरण है जो अब लगभग खत्‍म भी हो चुके हैं.

डॉ. अरुण कहते हैं कि पहले स्‍मॉल पॉक्‍स एक बीमारी होती थी. यह एक वायरस जनित बीमारी थी, इससे बहुत सारे लो प्रभावित होते थे, बहुत सारी मौतें होती थीं लेकिन धीरे-धीरे यह दुनिया से पूरी तरह खत्‍म हो गया है. इसकी बड़ी वजह स्‍मॉलपॉक्‍स की वैक्‍सीन थी. जिसकी वजह से यह पूरी तरह खत्‍म हो गया. इसी तरह पोलियो भी विश्‍व के अधिकांश देशों में खत्‍म हो चुका है. भारत को भी कुछ साल पहले पोलियो फ्री राष्‍ट्र घोषित किया जा चुका है. भारत के आसपास के देशों में कुछ जगहों पर यह अभी भी देखने को मिल जाता है. हालांकि पहले के मुकाबले पोलियो वायरस काफी हद तक खत्‍म हो चुका है. ऐसे में जिस तरह ये दो वायरस लगभग खत्‍म हो चुके हैं, उसी तरह यह संभावना जताई जा सकती है कि इसी तरह कोरोना वायरस को भी हटा सकें. यह संभव है लेकिन यह बताना कि यह कब तक संभव होगा, कहना काफी मुश्किल है. अभी तो इसी में नए वेरिएंट आ रहे हैं और वैक्‍सीनेशन भी पूरा नहीं हुआ है.

प्राकृतिक मौत मरते हैं वायरस
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान, बीबी नगर तेलंगाना के निदेशक डॉ. विकास भाटिया कहते हैं, ‘वायरस संक्रमण को लेकर हमारे पूर्व के अनुभव यह रहे हैं कि वायरस प्राकृतिक रूप से अपनी मौत मरते हैं लेकिन ऐसा होने से पहले हमें खुद को बचा कर रखना है. सुरक्षा उपायो के प्रति लापरवाही नहीं बरतनी है. मुझे ऐसा लगता है कि यदि हम सही तरीके से वायरस के प्रति अपनी इस जंग को लड़े तो हम निश्चित रूप से विजयी हो सकते हैं. इसलिए जब सरकार सभी को निशुल्क वैक्‍सीन देकर अपना कर्तव्य निभा रही है, संक्रमण के मामलों में अचानक होने वाली वृद्धि के लिए स्वास्थ्य संसाधनों को बेहतर कर रही है और संभावित संक्रमित लोगों को सघन तरीके से स्क्रीनिंग की जा रही है तो हम सभी का भी कर्तव्‍य है कि आगे आएं और सुरक्षित होने की दिशा में कदम बढ़ाएं.’

नहीं खत्‍म हुआ इन्‍फ्लूएंजा फ्लू
वहीं दिल्‍ली ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्र कहते हैं कि कोरोना अब हमारे बीच में पनप चुका है. इसका जाना काफी मुश्किल है. वायरस के एक बार अस्तित्‍व में आने के बाद इनका खत्‍म होना काफी मुश्किल है, हालांकि खत्‍म होना संभव है. जहां तक वायरस जनित बीमारियों की बात करें तो इन्‍फ्लूएंजा फ्लू आदि अभी तक खत्‍म नहीं हुए हैं. सार्सकोव -1 और मर्स आए थे लेकिन अभी उनके केसेज नहीं आ रहे हैं. ऐसे में कोरोना को लेकर यह बता पाना कि यह कब चला जाएगा, काफी मुश्‍किल है.

Tags: Corona Virus, COVID 19, Flu



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